गोपेश्वर, 10 अक्टूबर (भाषा) उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध सिख तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट शुक्रवार को परंपरागत पूजा-पाठ और कीर्तन के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए।
चमोली जिले में समुद्र तल से लगभग सोलह हजार फुट की ऊंचाई पर हिमाच्छादित शिखरों के बीच सुरम्य बर्फानी झील के समीप स्थित गुरूद्वारे को बंद करने की प्रक्रिया सुबह 11 बजे शुरू हुई और उसके बाद पंरपरागत पाठ के बाद कपाट बंद कर दिए गए।
पिछले कुछ दिनों से खराब मौसम के कारण श्री हेमकुंड साहिब और आसपास के इलाकों में ताजा बर्फ गिरी थी जिससे हेमकुंड तक पहुंचने वाला पैदल रास्ता अटलाकोटी तक बर्फ से ढक गया था और लोगों को आवागमन में दिक्कत आ रही थी।
हांलांकि, इसके बावजूद कपाट बंद होने के मौके पर सैकड़ों श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचे और वहां अरदास और पाठ में शिरकत कर मत्था टेका । इस अवसर हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ ही स्थानीय पुलिस प्रशासन के लोग भी मौजूद थे।
श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि अटलाकोटी तक का इलाका बर्फ से ढका होने के बावजूद उत्साही श्रद्धालु हेमकुंड साहिब तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि इस मौके पर दो हजार से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद थे।
उन्होंने यह भी बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए रास्ते से बर्फ हटाने का कार्य किया जा रहा है ।
इस साल श्री हेमकुंड साहिब के दर्शनों के लिए बृहस्पतिवार तक 2,72,423 श्रद्धालु पहुंचे जबकि पिछले साल कुल 1,83,722 तीर्थयात्रियों ने गुरूद्वारे में मत्था टेका था ।
भाषा सं दीप्ति पवनेश रंजन
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