नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक निचली अदालत को राजद्रोह और गैरकानूनी गतिविधियों के आरोपों से जुड़े 2020 के सांप्रदायिक दंगों के मामले में जमानत की मांग करने वाले छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम की याचिका पर अगले महीने तक फैसला करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ को इमाम के वकील ने सूचित किया कि उसकी याचिका निचली अदालत में फरवरी में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
पीठ ने कहा, ‘‘उपर्युक्त के मद्देनजर, हम निचली अदालत को निर्देश देते हैं कि आवेदन पर अगली सुनवाई के 10 दिन के भीतर फैसला किया जाए और सुनाया जाए।’’
मामला निचली अदालत में सात फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
इमाम ने सीआरपीसी की धारा 436ए के तहत इस आधार पर जमानत मांगी है कि वह पिछले चार वर्षों से हिरासत में है और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा) के तहत दोषी ठहराये जाने पर अपराध के लिए अधिकतम सजा सात साल है।
आरोपी ने कहा कि वह अपराध के लिए निर्दिष्ट अधिकतम सजा में से आधी सजा काट चुका है और जमानत का हकदार है।
भाषा वैभव दिलीप
दिलीप
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