Sukhvinder Singh Sukhu Viral Video: जब CM खुद पहुंचे आपदा प्रभावित बेटियों के लिए राशन लेकर.. हेलीकॉप्टर से उतरते ही लगाया गले, देखें वीडियो
CM Sukhwinder Singh doing relief work Viral video || Image- Vivek K. Tripathi x
CM Sukhwinder Singh doing relief work Viral video: शिमला: उत्तर भारत का पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश में इन दिनों कुदरत का कहर जारी हैं। राज्य में भरी बारिश और इससे आई बाढ़, भू स्खलन जैसी आपदाओं से अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि राज्य के 400 करोड़ की निजी-सार्वजनिक सम्पत्तियाँ तबाह हो चुकी है। ऐसी स्थिति में अब खुद राज्य के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू आपदा प्रभावित परिवारों की मदद के लिए मैदान में चुके है।
हेलीकॉप्टर से पहुंचे आपदा प्रभावित क्षेत्र
गुरुवार के सोशल मीडिया में सामने आये एक वीडियो में देखा जा सकती है क, किए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह हेलीकॉप्टर में राशन लेकर आपदा प्रभावित बेटियों के पास पहुंचे और उन्हें सांत्वना दी। इतना ही नहीं बल्कि सीएम ने उन बेटियों को गले भी लगाया। यह वीडियो पत्रकार विवेक त्रिपाठी ने ‘एक्स’ पर साझा किया है। सीएम के इस पहल की सोशल मीडिया पर जमकर प्रशंसा हो रही है।
गौरतलब है कि, लगातार हो रही बारिश से नदी-नालें उफान पर है। स्कूलों को बंद करने का देश दिया गया है और आम लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।
बच्चियों चिंता न करो.. खाना, पानी, कपड़े, दवाएं आ गई हैं..
मुख्यमंत्री जब खुद आपदा के पीड़ित, दुखी, परेशान लोगों की मदद के लिए सड़क पर उतर आएं तब तारीख तो बनती है..
वीडियो हिमाचल प्रदेश का है जहां आपदा प्रभावित परिवारों के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू खुद खड़े हैं..
देखिए कैसे बेटियों… pic.twitter.com/FQnBmRAuSh— Vivek K. Tripathi (@meevkt) July 3, 2025
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में अबतक 37 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 400 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने राज्य के कई जिलों में 7 जुलाई तक बारिश की चेतावनी जारी की है।
बारिश में तबाह हुई करोड़ की संपत्ति
CM Sukhwinder Singh doing relief work Viral video: हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, लगातार मानसूनी बारिश के कारण राज्य को 400 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। प्रभावित इलाकों में खोज, बचाव और राहत अभियान जारी है, खासकर सबसे अधिक प्रभावित मंडी जिले में सड़कें ब्लॉक हो चुके है और कई जरूरी सेवाएं पूरी तरह से बंद है।
विभाग के विशेष सचिव डीसी राणा ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि, “हमने अब तक 400 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान दर्ज किया है, जैसा कि हमारे सिस्टम में दर्ज है। लेकिन वास्तविक नुकसान इससे कहीं अधिक होने की संभावना है।” उन्होंने कहा, “इस समय हमारा प्राथमिक ध्यान खोज, बचाव और पुनर्स्थापना पर है। विस्तृत क्षति आकलन में समय लगेगा। फ़िलहाल सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र मंडी का थुनाग उपमंडल है , जहां बड़े पैमाने पर बहाली के प्रयास जारी हैं।”
#IMD issues rain alerts for Himachal Pradesh
The Meteorological Department has issued a Yellow Alert for heavy rain tomorrow, while an Orange Alert has been issued for heavy to very heavy rainfall from July 5 to July 9. @IMDWeather pic.twitter.com/XJWovtJ1KG
— All India Radio News (@airnewsalerts) July 3, 2025
बिजली और पानी की आपूर्ति प्रभावित
स्पेशल सेक्रेटरी राणा ने कहा, “सड़कें अवरुद्ध हैं, बिजली और पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है और वाहनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। वरिष्ठ अधिकारी वहां तैनात हैं। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर सड़क बहाली की देखरेख कर रहे हैं, जबकि बिजली बोर्ड के परिचालन निदेशक और जल शक्ति के मुख्य अभियंता भी मंडी में मौजूद हैं।”
अब तक 37 की मौत
CM Sukhwinder Singh doing relief work Viral video: अब तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, चालू मानसून सीजन के दौरान बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण 37 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, इस अवधि के दौरान सड़क दुर्घटनाओं के कारण 26 लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों ने बताया कि अकेले मंडी जिले में 40 लोग लापता हैं और व्यापक तलाशी अभियान जारी है। राणा ने कहा, ” मंडी का एक गांव तबाह हो गया है। वहां एक राहत शिविर स्थापित किया गया है और कल भारतीय वायुसेना द्वारा भोजन के पैकेट गिराए गए।” राणा ने कहा, “ये घटनाएं ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का परिणाम हैं। हिमाचल प्रदेश भी इन प्रभावों से अछूता नहीं है।”
250 सड़के पूरी तरह बंद और ध्वस्त
राज्य भर में 250 सड़कें बंद हैं, 500 से अधिक बिजली वितरण ट्रांसफार्मर (डीटीआर) काम नहीं कर रहे हैं और लगभग 700 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। गौरतलब है कि, इस बीच शिमला में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित स्कूली बच्चे हैं।

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