नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) हिंदू पक्षकारों ने उच्चतम न्यायालय में कैविएट दायर कर अनुरोध किया है कि यदि मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के हालिया आदेश को चुनौती देते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाता है तो उनका भी पक्ष सुना जाए। उच्च न्यायालय ने मथुरा में मंदिर-मस्जिद विवाद से संबंधित 18 मामलों की पोषणीयता के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी।
यह कैविएट अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर की गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यदि दूसरा समूह शीर्ष अदालत में जाता है तो हिंदू पक्षकारों के खिलाफ कोई एकपक्षीय आदेश नहीं दिया जाए।
कैविएट आवेदन किसी वादी द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए दायर किया जाता है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके विरुद्ध कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए।
एक अगस्त को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित 18 मामलों की पोषणीयता को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था और फैसला सुनाया था कि मस्जिद के धार्मिक चरित्र को निर्धारित करने की आवश्यकता है।
अदालत ने मुस्लिम पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया था कि कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और उससे सटी मस्जिद के विवाद से संबंधित हिंदू पक्षकारों द्वारा दायर मुकदमे पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम का उल्लंघन करते हैं, और इसलिए ये सुनवाई योग्य नहीं हैं।
भाषा शफीक रंजन
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