हुड्डा ने सहायक प्रोफेसरों की भर्ती को लेकर भाजपा पर निशाना साधा, हरियाणा के उम्मीदवारों के साथ पक्षपात का आरोप लगाया

हुड्डा ने सहायक प्रोफेसरों की भर्ती को लेकर भाजपा पर निशाना साधा, हरियाणा के उम्मीदवारों के साथ पक्षपात का आरोप लगाया

हुड्डा ने सहायक प्रोफेसरों की भर्ती को लेकर भाजपा पर निशाना साधा, हरियाणा के उम्मीदवारों के साथ पक्षपात का आरोप लगाया
Modified Date: December 7, 2025 / 09:31 pm IST
Published Date: December 7, 2025 9:31 pm IST

चंडीगढ़, सात दिसंबर (भाषा) हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को आरोप लगाया कि हाल में सहायक प्रोफेसर पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण हुए ‘‘चयनित उम्मीदवारों’’ में राज्य के निवासी बहुत कम संख्या में हैं।

हरियाणा के कॉलेजों में अंग्रेजी विभागों में सहायक प्रोफेसर (कॉलेज काडर) के 600 से अधिक रिक्त पदों के लिए 151 अभ्यर्थियों ने विषय संबंधी ज्ञान परीक्षा उत्तीर्ण की।

कार्यकर्ताओं और कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग – राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट), ‘जूनियर रिसर्च फेलोशिप’ (जेआरएफ) और अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी विषय संबंधी ज्ञान परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए आवश्यक न्यूनतम 35 प्रतिशत अंक भी प्राप्त करने में असफल क्यों रहे।

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हुड्डा ने आरोप लगाया कि हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) की भर्ती में ‘‘भाजपा का हरियाणा विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है, क्योंकि इस परीक्षा में राज्य के आठ प्रतिशत से भी कम युवा चयनित हुए हैं’’।

हरियाणा में विपक्ष के नेता हुड्डा ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘अंग्रेजी सहायक प्रोफेसरों (कॉलेज काडर) की भर्ती ने इस सरकार के हरियाणा विरोधी रुख को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। सरकार, जो लगातार भर्ती में अन्य राज्यों के उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती है, इस बार राज्य से आठ प्रतिशत उम्मीदवारों का भी चयन नहीं किया।’’

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या राज्य सरकार को इन पदों के लिए पूरे हरियाणा राज्य में कोई भी “योग्य उम्मीदवार” नहीं मिल सका? उन्होंने कहा, ‘‘यह सवाल कांग्रेस द्वारा पहले भी लगातार उठाया जाता रहा है, सड़क से लेकर विधानसभा तक, लेकिन भाजपा आज तक इसका जवाब नहीं दे पाई है।’’

हुड्डा ने कहा, ‘‘आश्चर्यजनक बात यह है कि चयनित उम्मीदवारों में केवल आठ प्रतिशत हरियाणा के निवासी हैं, जिससे हर युवा आहत है जो यह सवाल पूछ रहा है कि क्या हरियाणा के युवा महिलाओं और पुरुषों को अपने राज्य में नौकरी पाने का अधिकार नहीं है।’’

भर्ती प्रक्रिया आठ जून को आयोजित ‘स्क्रीनिंग टेस्ट’ के साथ शुरू हुई थी। यह 100 अंकों की बहुविकल्पीय प्रश्नों वाली एक वस्तुनिष्ठ परीक्षा थी।

हुड्डा ने आरोप लगाया कि ‘‘इस तरह की भर्तियां करके भाजपा नौकरियों में आरक्षण को भी खत्म कर रही है क्योंकि बीसी-ए (आरक्षित) श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए 60 सीट थीं, लेकिन केवल छह का चयन किया गया। इसी तरह, बीसी-बी के लिए 36 सीट आरक्षित थीं, लेकिन केवल तीन का चयन किया गया। ईडब्ल्यूएस के लिए भी 60 सीट थीं, लेकिन केवल छह लोगों का चयन किया गया’’।

भाषा

देवेंद्र नरेश प्रशांत

प्रशांत


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