होराती ने कर्नाटक विधान परिषद के सभापति के पद से इस्तीफा दिया, भाजपा में होंगे शामिल

होराती ने कर्नाटक विधान परिषद के सभापति के पद से इस्तीफा दिया, भाजपा में होंगे शामिल

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  • Publish Date - May 16, 2022 / 07:34 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

बेंगलुरू, 16 मई (भाषा) वरिष्ठ नेता बसवराज होराती ने कर्नाटक विधान परिषद के सभापति और उसके सदस्य के पद से सोमवार को इस्तीफा दे दिया तथा इसके बाद अब वह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे।

होराती ने उन्हें अवसर देने के लिए अपनी पूर्व पार्टी जनता दल (सेक्युलर) (जद-एस) के नेता– एच डी देवेगौड़ा और एच डी कुमारस्वामी को धन्यवाद दिया और कहा कि वे अब भी उन्हें अपने परिवार का सदस्य मानते हैं।

होराती ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने आज विधान परिषद के सभापति के पद के साथ-साथ इसके सदस्य के तौर पर भी इस्तीफा दे दिया…। मैं संभवत: कल बेंगलुरू स्थित भाजपा कार्यालय में, पार्टी में शामिल हो जाऊंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कभी-कभी अचानक बदलाव आते हैं। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के कुछ लोग और मेरे शुभचिंतक मुझ पर दबाव बना रहे थे कि मुझे बदलाव अपनाना चाहिए और मुझे इसे स्वीकार करना पड़ा…। मैं पहले निर्दलीय के रूप में चुना गया और इसके बाद मैं तत्कालीन जनता दल के साथ जुड़ा और फिर उससे अलग हुए जद(एस) के साथ। मेरे राजनीतिक जीवन के 42 वर्ष में यह मेरा पहला बदलाव है।’’

होराती ने इस महीने की शुरुआत में यहां दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उन्हें आगामी विधान परिषद चुनावों में पश्चिम शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा की ओर से उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना है।

होराती 1980 से अब तक लगातार सात बार विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुये हैं। इसके साथ ही उन्होंने जद (एस) के साथ लंबे समय से चला आ रहा अपना नाता तोड़ लिया है।

होराती ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने सत्ता की खातिर पार्टी नहीं बदली है। होराती ने कहा कि उन्होंने कभी सत्ता की आकांक्षा नहीं रखी और उन्होंने अतीत में मंत्री एवं विधान परिषद के सभापति के तौर पर प्रभावी तरीके से काम किया है।

उन्होंने कहा कि देवेगौड़ा या कुमारस्वामी और उनके बीच कोई गलतफहमी नहीं है। होराती ने कहा, ‘‘मैंने यह फैसला करने से पहले कुमारस्वामी से बात की थी।’’

वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह बिना किसी पूर्व शर्त के भाजपा में शामिल हो रहे हैं और उनके परिवार के किसी सदस्य की राजनीति में शामिल होने में अभी तक कोई रुचि नहीं है।

विधान परिषद के वरिष्ठ सदस्यों में गिने जाने वाले 76 वर्षीय होराती को उत्तरी कर्नाटक में जद (एस) के प्रमुख लिंगायत चेहरे के रूप में देखा जाता रहा है। वह राज्य के शिक्षा मंत्री रहे हैं और फरवरी 2021 में विधान परिषद के सभापति चुने गए थे।

होराती ने अपना त्याग पत्र उपसभापति को संबोधित करते हुए लिखा है। उपसभापति का पद पिछले कुछ समय से रिक्त है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस्तीफा दे दिया है। कैबिनेट प्रोटेम (अस्थायी) सभापति की नियुक्ति पर फैसला करेगी (क्योंकि सभापति और उपसभापति के पद खाली हैं) और इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा … पद खाली नहीं रखा जाएगा, वे यह काम तत्काल करेंगे।’’

भाषा सिम्मी वैभव

वैभव