आईसीएमआर ने सीएसआईआर के कोविड-19 की जांच के तरीके को मंजूरी दी

आईसीएमआर ने सीएसआईआर के कोविड-19 की जांच के तरीके को मंजूरी दी

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  • Publish Date - November 28, 2020 / 02:33 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) ने कोविड-19 जांच के एक सरल एवं तीव्र तरीके को मंजूरी दी है जिससे न केवल आरटी-पीसीआर की जांच की संख्या बढ़ाई जा सकती है बल्कि इससे कीमत में भी कमी लाई जा सकती है। यह जानकारी शनिवार को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) ने दी।

सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मोलेक्यूलर बायोलॉजी हैदराबाद द्वारा विकसित तरीका — ड्राई स्वैब आरटी-पीसीआर — वर्तमान में चल रहे गोल्ड मानक आरटी-पीसीआर का एक प्रकार है और संसाधनों के नये निवेश के बगैर जांच को दो से तीन गुना बढ़ाया जा सकता है।

सीएसआईआर ने कहा, ‘‘इस तरीके के आकलन और इसके 96.9 फीसदी सुसंगतता के बाद आईसीएमआर ने सीएसआईआर-सीसीएमबी के ड्राई स्वैब तरीके का इस्तेमाल करने का परामर्श जारी किया है, इसके कम खर्च और तीव्र परिणाम को देखते हुए इस पर विचार किया गया है।’’

सीसीएमबी अप्रैल से ही कोरोना वायरस के नमूनों की जांच कर रहा है। तेलंगाना में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ निकटता से काम करते हुए इसने कुछ मुद्दों की पहचान की जो जांच की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। इसके जवाब में शोधकर्ताओं ने कोविड-19 जांच के ड्राई स्वैब आरएनए-एक्सट्रैक्शन फ्री तरीके का विकास किया।

सीसीएमबी के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा कि आरएनए एक्सट्रैक्शन के साथ 500 नमूनों की जांच के लिए औसतन चार घंटे का वक्त लगता है।

सीएसआईआर के महानिदेशक शेखर मांडे ने कहा कि ड्राई स्वैब आरटी-पीसीआर कम लागत का है।

भाषा नीरज नीरज उमा

उमा