नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में आरोप लगाया कि ‘‘जी राम जी’’ विधेयक मजदूरों को सामाजिक न्याय से वंचित करने की साजिश है।
उन्होंने उच्च सदन में ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार मनरेगा मजदूरों में से 48 प्रतिशत ओबीसी समुदाय से, 29 प्रतिशत अनुसूचित जाति समुदाय से और 17 प्रतिशत आदिवासी समुदाय से हैं।
उन्होंने कहा कि यह साजिश लगातार 10 साल से चल रही है ताकि मजदूरों को सामाजिक न्याय से वंचित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में ही मनरेगा योजना को कांग्रेस की नाकामियों का जीता-जाता स्मारक बताकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी थी।
उन्होंने इस विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श किए जाने की जरूरत पर बल देते हुए इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग की और सवाल किया कि क्या सरकार ने विभिन्न समूह से विचार विमर्श किया है।
सुरजेवाला ने कहा कि इस योजना के तहत मजदूरों के कार्य दिवस में लगातार कमी आ रही है और पहले यह 50 दिन के आसपास थी, जो इस साल घटकर 36 दिन रह गया है।
उन्होंने दावा किया कि गरीबों और मजदूरों पर तरह-तरह से हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार रोजगार देने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है वहीं दूसरी ओर मांग आधारित कानून में ऐसा संशोधन कर रही है जिससे मजदूर काम से वंचित हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि नए कानून में राज्यों का आवंटन सरकार तय करेगी और 60 दिन की पाबंदी भी लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि इस पाबंदी से किसानों और मजदूरों के बीच टकराव की स्थिति पैदा होगी। उन्होंने दावा किया कि नए कानून में पंचायतों का अधिकार खत्म हो जाएगा और दिल्ली से कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार होगी।
भाषा अविनाश माधव अविनाश सुरेश
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