यदि तीसरी खुराक अन्य व्यक्ति की कीमत पर हो तो टीकाकरण में प्राथमिकता देना अनुचित होगा:अदालत

यदि तीसरी खुराक अन्य व्यक्ति की कीमत पर हो तो टीकाकरण में प्राथमिकता देना अनुचित होगा:अदालत

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 PM IST
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Published Date: August 10, 2021 7:20 pm IST
यदि तीसरी खुराक अन्य व्यक्ति की कीमत पर हो तो टीकाकरण में प्राथमिकता देना अनुचित होगा:अदालत

कोच्चि, 10 अगस्त (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि यदि किसी व्यक्ति को विदेश यात्रा के लिए कोविड-19 टीके की तीसरी खुराक की जरूरत है और उसे इस आधार पर यह नहीं दी जा सकती कि यह किसी अन्य व्यक्ति की कीमत पर होगी, तो टीकाकरण में प्राथमिकता देना अनुचित होगा क्योंकि वह भी दूसरे व्यक्ति की कीमत पर होगा।

कोवैक्सीन की दो खुराक ले चुके और काम के लिए वासप सऊदी अरब जाने की खातिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त टीके की तीसरी खुराक लेना चाह रहे एक व्यक्ति को इसे देने में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार ने यह टिप्पणी की है।

खाड़ी देश में वेल्डर का काम करने वाले याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि कोवैक्सीन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं प्राप्त है और इसलिए उसे विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी जिससे उसकी आजीविका छीन जाएगी।

उसकी दशा से सहानुभूति जताते हुए अदालत ने दोनों सरकारों से पूछा कि याचिकाकर्ता को तीसरी खुराक क्यों नहीं दी जा सकती जबकि यह उसकी आजीविका से जुड़ा विषय है।

न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, ‘‘मुझे वेतन मिलता है और आपको (वकीलों को) आपकी फीस मिलती है। उसे (याचिकाकर्ता को) कुछ नहीं मिल रहा। ’’

हालांकि, दोनों सरकारों के वकीलों ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर निर्देश लेने की जरूरत है क्योंकि टीके की तीसरी खुराक देना या टीकों को मिश्रित करने को क्लीनिकल मंजूरी नहीं प्राप्त है।

इस पर अदालत ने कहा कि ऐसा जान पड़ता है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा है कि टीको को मिश्रित करने से कोविड-19 के खिलाफ उनकी प्रभाव क्षमता बढ़ती है।

केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि उन्हें भी मीडिया में आई खबरों से यह पता चला है लेकिन इसकी प्रभाव क्षमता क्लीनिकल रूप से साबित नहीं हुई है।

इस बीच, याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि वह तीसरी खुराक लेने का जोखिम मोल लेने को तैयार है, जिसके खतरे अभी ज्ञात नहीं हैं।

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता को वीजा शर्तों के मुताबिक 30 अगसत से पहले सऊदी अरब लौटना होगा नहीं तो उसकी नौकरी चली जाएगी।

भाषा

सुभाष अनूप

अनूप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)