तिरुवनंतपुरम, पांच जून (भाषा) केरल में सत्तारूढ़ वाम दलों को लोकसभा चुनाव में बड़ा झटका लगने के एक दिन बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बुधवार को दावा किया कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) को 2019 के परिणामों की तुलना में वोट प्रतिशत में केवल एक प्रतिशत का नुकसान हुआ है लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतंत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के वोट पांच प्रतिशत कम हुए हैं।
माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केरल में त्रिशूर लोकसभा सीट जीतकर अपना खाता खोलने में सफल रही, क्योंकि कांग्रेस को उस निर्वाचन क्षेत्र में उसके 80,000 से अधिक वोट नहीं मिले।
उन्होंने कहा कि एलडीएफ ने त्रिशूर में वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की तुलना में करीब 6,000 अधिक वोट हासिल किए।
भाजपा ने इस बार 74,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की।
उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘तो आप गणित लगा लीजिए।’’
गोविंदन ने इस सवाल को भी खारिज कर दिया कि क्या हार के बाद राज्य की वाम सरकार संकट में है।
उन्होंने कहा, ‘जीत और हार होती रहेगी।’
केरल की 20 सीट में से कांग्रेस ने 14 और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने दो सीट जीतीं।
माकपा, भाजपा, राष्ट्रीय समाज पार्टी (आरएसपी) और केरल कांग्रेस ने एक-एक सीट जीतीं।
माकपा के राज्य सचिव ने कहा कि माकपा और एलडीएफ आत्मनिरीक्षण करेंगी और वे यह पता लगाएगें कि वे क्यों हार गए। उन्होंने कहा कि वे केरल में अपनी पकड़ फिर से हासिल करने के लिए उचित कदम उठाएंगे।
उन्होंने आत्मविश्वास से कहा, ‘हम 2019 के लोकसभा चुनावों में हार गए थे, लेकिन उसके बाद राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में मजबूती से वापसी की और जीत हासिल की। हम इस बार भी ऐसा ही करेंगे।’
गोविंदन ने कहा कि एलडीएफ इस बात का भी पता लगाएगा कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा का वोट प्रतिशत कैसे बढ़ा।
वडकारा लोकसभा सीट पर माकपा नेता के के शैलजा की हार के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वहां जीतने के लिए सांप्रदायिक हथकंडे अपनाए और जनता इसे समझ नहीं पाई।
उन्होंने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव नतीजों के बारे में उनकी भविष्यवाणियां गलत साबित हुईं क्योंकि भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीट नहीं जीत सकी जबकि ‘एग्जिट पोल’ में कहा गया था कि उन्हें 350 से 400 सीटें मिलेंगी।
गोविंदन ने दावा किया कि मीडिया ने खबरें देते समय कांग्रेस और भाजपा के सहयोगी के रूप में काम किया जिसके बावजूद एलडीएफ का वोट प्रतिशत केवल एक प्रतिशत कम हुआ।
भाषा योगेश वैभव
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