पात्रा चॉल घोटाला केस में शिवसेना नेता संजय राउत को एक बार फिर ED का समन, इस दिन होगी पूछताछ

ED SUMMONS SANJAY RAUT: पात्रा चॉल घोटाला मामले में संजय राउत को फिर से पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है।

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  • Publish Date - November 16, 2022 / 10:13 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

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मुंबई। हाल ही में जेल से बाहर निकले शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। दरअसल ईडी ने कथित पात्रा चॉल घोटाला मामले में संजय राउत को फिर से पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। इस नोटिस में ईडी ने 18 नवंबर को पूछताछ के लिए राउत को हाजिर होने को कहा है। बता दें कि संजय राउत को इस मामले में मिली जमानत की शर्तों में यह भी शामिल है कि जब भी एजेंसी पूछताछ के लिए बुलाए, उन्हें हाजिर होना होगा।

मुंबई की एक विशेष अदालत ने पात्रा चॉल पुनर्विकास से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा शिवसेना सांसद संजय राउत की गिरफ्तारी को बुधवार को ‘अवैध’ और ‘निशाना बनाने’ की कार्रवाई करार देते हुए उनकी जमानत मंजूर कर ली थी। कोर्ट ने यह भी सवाल किया था कि इस मामले के मुख्य आरोपी एवं रियल एस्टेट फर्म एचडीआईएल के राकेश और सारंग वधावन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कभी गिरफ्तार क्यों नहीं किया।

इस मामले में संजय राउत करीब तीन महीने से जेल में थे। ईडी ने राज्यसभा सांसद संजय राउत को एक अगस्त को उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास के संबंध में वित्तीय अनियमितताओं में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। वहीं, जमानत मिलने के बाद राउत के जेल से बाहर आने की जानकारी पर उनके समर्थक आर्थर रोड जेल के बाहर जमा होना शुरू हो गए थे। राउत के जेल से बाहर आते ही समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया था और उनके समर्थन में नारे लगाए थे। इस दौरान समर्थकों ने जेल के करीब पटाखे भी चलाए थे।

बम्बई उच्च न्यायालय ने कथित धनशोधन मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को एक विशेष अदालत से मिली जमानत पर तत्काल रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि वह इस तरह का आदेश दोनों पक्षों को सुने बिना नहीं पारित कर सकती। इसके साथ ही इसने मामले की सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार का दिन तय किया। एक विशेष अदालत ने राउत और सह-आरोपी प्रवीण राउत की जमानत दिन में मंजूर कर ली थी और शुक्रवार तक इस जमानत आदेश पर रोक का प्रवर्तन निदेशालय का अनुरोध ठुकरा दिया था।

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