नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) मंगलवार को कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की बैठक में भाग लेते हुए अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुरूप ‘सी2+50 प्रतिशत’ फार्मूले के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की अपनी मांग दोहराई। साथ ही विपणन सत्र 2025-26 में खरीफ फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग की।
यहां जारी एक बयान में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की किसान शाखा एआईकेएस ने कहा कि सीएसीपी की बैठक विपणन सत्र 2025-26 के लिए धान, दलहन, तिलहन, सोयाबीन और कपास सहित 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने की अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने से पहले किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से परामर्श करने के लिए आयोजित की गई थी।
बयान में कहा गया, ‘एआईकेएस ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि ए2+एफएल+50 प्रतिशत और सी2+50 प्रतिशत फार्मूले के आधार पर तय एमएसपी के बीच एक बड़ा अंतर है, जिसे दूर करने की हमारे किसानों की मांग लंबे समय से चली आ रही है। ‘
एआईकेएस ने धान और सोयाबीन की कीमतों तथा किसानों के आंदोलन का मुद्दा भी उठाया।
एमएसपी सरकार द्वारा किसानों से कुछ फसलों की खरीद के लिए निर्धारित न्यूनतम मूल्य है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय से संबद्ध कार्यालय सीएसीपी, विशिष्ट फसलों के लिए एमएसपी का सुझाव देता है।
भाषा
शुभम पवनेश
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