नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को आयकर विभाग के एक उपायुक्त और एक सनदी लेखाकार (सीए) को तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया, जिन्हें कथित तौर पर आयकर आकलन के लिए फेसलेस योजना में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने सीबीआई द्वारा अदालत में पेश किए जाने के बाद उपायुक्त विजयेंद्र आर और डीके अग्रवाल को हिरासत में भेज दिया।
आयकर विभाग की फेसलेस (अफसरों और करदाताओं के आमने-सामने आये बिना) असेसमेंट योजना से उत्पन्न कथित घोटाले से संबंधित फरवरी की एक प्राथमिकी के बाद आरोपियों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई ने आरोपियों के लिए सात दिन की पुलिस हिरासत की मांग करते हुए कहा कि मामले में बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए उनसे आमना-सामना कराना जरूरी है।
विजयेंद्र की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रमोद कुमार दुबे ने सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आरोपी को जांच एजेंसी द्वारा कभी भी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया।
उन्होंने कहा कि अधिकारी को नवंबर 2024 से निलंबित कर दिया गया है और किसी भी सबूत को नष्ट करने या प्रभावित करने की कोई आशंका नहीं है।
सीबीआई ने बताया कि दिल्ली में विभाग के झंडेवालान कार्यालय में तैनात 2015 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी विजयेंद्र को यहां गिरफ्तार किया गया, जबकि अग्रवाल को गुजरात के भरूच से गिरफ्तार किया गया।
एजेंसी ने कहा कि मामले में सीबीआई जांच से पता चला है कि दोनों ने लंबित उच्च मूल्य के आयकर आकलन मामलों के विभिन्न करदाताओं से संपर्क किया और रिश्वत के बदले में जांच के तहत उनके मामलों में अनुकूल आदेश दिलाने का वादा किया।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि पारदर्शिता बढ़ाने, मानवीय हस्तक्षेप कम करने और भ्रष्टाचार रोकने के लिए फेसलेस योजना शुरू की गई है।
भाषा प्रशांत माधव
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