संस्थागत प्रसव में वृद्धि के कारण भारत की मातृ मृत्यु दर में काफी गिरावट आई : नड्डा

संस्थागत प्रसव में वृद्धि के कारण भारत की मातृ मृत्यु दर में काफी गिरावट आई : नड्डा

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  • Publish Date - December 23, 2025 / 07:37 PM IST,
    Updated On - December 23, 2025 / 07:37 PM IST

धार/बैतूल (मध्यप्रदेश), 23 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को कहा कि देश में संस्थागत प्रसव दर बढ़कर 89 प्रतिशत हो गई है, जिससे प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि नागरिक हमेशा स्वस्थ रहें और बीमार ही न पड़ें।

नड्डा ने धार और बैतूल जिलों में मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘देश में संस्थागत प्रसव की दर बढ़कर 89 प्रतिशत हो गई है, जिससे मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में उल्लेखनीय कमी आई है।’’

प्रति एक लाख जीवित बच्चों के जन्म पर होने वाली माताओं की मृत्यु को मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) कहा जाता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से प्रयास कर रही है कि नागरिक हमेशा स्वस्थ रहें और बीमार ही न पड़ें।’’

एक अधिकारी ने बताया कि धार और बैतूल में दो मेडिकल कॉलेजों का निर्माण क्रमश: 260 करोड़ रुपये और 300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा।

नड्डा ने कहा कि आगामी मेडिकल कॉलेज पीपीपी मॉडल पर काम करने वाले देश में अपनी तरह के पहले कॉलेज होंगे और इनसे हर गांव में डॉक्टरों तक पहुंच सुनिश्चित होगी।

उन्होंने कहा कि 11 साल पहले भारत को दुनिया की पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना जाता था, लेकिन अब वह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में मोदी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए नड्डा ने कहा कि 2014 में, देश में 387 मेडिकल कॉलेज और 51,000 एमबीबीएस सीटें थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘आज की तारीख में यह संख्या बढ़कर 819 मेडिकल कॉलेज और 1,29,000 एमबीबीएस सीटें हो गई हैं।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 से पहले एमबीबीएस सीटों की संख्या में 75,000 का इजाफा करने का लक्ष्य रखा है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कटनी और पन्ना में मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला भी अगले महीने रखी जाएगी और आने वाले वर्षों में मध्यप्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या मौजूदा 33 से बढ़कर 50 से अधिक हो जाएगी।

नड्डा ने राज्य में एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू करने के लिए मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार की सराहना की।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक मोर्चे पर भारत के प्रदर्शन को भी रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ग्यारह साल पहले, भारत को पांच ‘नाजुक’ अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। बहुत जल्द हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि दुनिया भर में विकास की रफ्तार धीमी है, लेकिन भारत मजबूती से खड़ा है।

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक भारत की आर्थिक नीति की आशा की एक चमकती किरण के रूप में व्याख्या करता है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कांग्रेस पर मध्यप्रदेश में आदिवासी क्षेत्र के विकास की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे आदिवासी भाइयों और बहनों ने लंबे समय तक कांग्रेस का समर्थन किया है, लेकिन क्या इस पार्टी ने इस समुदाय के जीवन में बदलाव लाने के लिए कुछ किया है?’’

धार और बैतूल जिले आदिवासी क्षेत्र में आते हैं, जहां कभी कांग्रेस का वर्चस्व हुआ करता था।

नड्डा का मध्यप्रदेश दौरा ऐसे समय में हुआ है जब कुछ दिन पहले ही मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 13 दिसंबर को दो साल पूरे किए।

केंद्र और प्रदेश सरकार की अलग-अलग उपलब्धियां गिनाते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘हम रिपोर्ट कार्ड की संस्कृति के लोग हैं और ठोक-बजा कर बोलते हैं कि जो कहा था, वह किया है और जो नहीं कहा था, वह भी करके दिया है। हम सेवा की दृष्टि से (राजनीति में) आए हैं। हम सत्ता को भोगने नहीं आए हैं।’’

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में 2002-03 तक केवल पांच मेडिकल कॉलेज थे जो अब बढ़कर 33 हो गए हैं।

यादव ने कहा कि पिछले दो वर्षों में मध्यप्रदेश में छह सरकारी मेडिकल कॉलेज आरंभ हो गए हैं, जिनमें सिंगरौली और श्योपुर के आदिवासी इलाके शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए 354 पद स्वीकृत किए हैं।

यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में सिकल सेल एनीमिया अभियान के तहत 12.5 मिलियन से अधिक लोगों की जांच की गई है।

स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकमगढ़, नीमच, सिंगरौली, श्योपुर और डिंडोरी के अस्पतालों को 800 बिस्तरों के साथ अपग्रेड किया जा रहा है, और डॉक्टरों के लिए 810 नए पदों को मंजूरी दी जा रही है।

बैतूल जिले के मुलताई शहर का नाम बदलने की मांग पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इसे ‘मूलतापी’ के नाम से जाना जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जब भी हमें कोई प्रस्ताव मिलेगा हम इसे मंजूरी के लिए केंद्र के पास भेजेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने बैतूल जिले में एक आदिवासी संग्रहालय स्थापित करने की योजना की घोषणा की।

भाषा

हर्ष, ब्रजेन्द्र रवि कांत