‘पहले अपने गिरेबान में झांके अमेरिका फिर दूसरों पर लगाए आरोप’, मानवाधिकार पर भारत ने अमेरिका को दिया करारा जवाब

'पहले अपने गिरेबान में झांके अमेरिका फिर दूसरों पर लगाए आरोप' : India gave a befitting reply to America on the allegations of human rights

‘पहले अपने गिरेबान में झांके अमेरिका फिर दूसरों पर लगाए आरोप’, मानवाधिकार पर भारत ने अमेरिका को दिया करारा जवाब
Modified Date: November 29, 2022 / 07:53 pm IST
Published Date: April 14, 2022 1:47 pm IST

नई दिल्लीः भारत के बारे में राय रखने के लिए कोई भी स्वतंत्र है, लेकिन यह ध्यान होना चाहिए कि भारत को भी अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। अमेरिका में मानवाधिकार के मामलों पर हमारी भी नजर है और खासतौर पर भारतीय समुदायों के हितों को लेकर हम चिंतित हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ओर से मानवाधिकार पर ज्ञान दिए जाने के बाद भारत यह तीखी टिप्पणी की है।

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि अमेरिका पर खुद ही मानवाधिकार के मामलों में उल्लंघन के आरोप हैं। उन्होंने कहा कि निजी हित, लॉबी और वोटबैंक के जरिए अमेरिकी स्थिति संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब भी इस पर चर्चा होगी तो भारत इस पर चुप नहीं रहेगा। मंत्री ने कहा कि अमेरिका सहित मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में भी भारत के विचार हैं। हम मानवाधिकारों के मुद्दों को उठाते हैं जब वे इस देश में उठते हैं, खासकर जब यह हमारे समुदाय से संबंधित होता है।

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हमारे पास भी दूसरे देशों के मानवाधिकारों पर भी विचार हैं- एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि लोगों को हमारे बारे में विचार रखने का अधिकार है। हम उनकी लॉबी और वोट बैंक के बारे में विचार रखने के भी हकदार हैं। हम मितभाषी नहीं होंगे। हमारे पास अन्य लोगों के मानवाधिकारों पर भी विचार हैं, खासकर जब यह हमारे समुदाय से संबंधित है। दरअसल यूक्रेन में जंग को लेकर भारत ने अबतक तटस्थ की नीति अपनाई है जिसके बाद अमेरिका दूसरे मसलों को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। रूस से हथियारों की खरीद और तेल को लेकर भी भारत पर अमेरिका की ओर से दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।