रूस-यूक्रेन जंग के बीच भारत-जापान करेंगे संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा मंत्रालय ने बताई वजह

भारत और जापान 27 फरवरी से 10 मार्च तक कर्नाटक के बेलगाम में वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन 2022’ का आयोजन करेंगे। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। India, Japan to hold annual joint military exercise in Karnataka from February 27 to March 10

  •  
  • Publish Date - February 25, 2022 / 06:31 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:37 PM IST

indian army

नयी दिल्ली, 25 फरवरी। भारत और जापान 27 फरवरी से 10 मार्च तक कर्नाटक के बेलगाम में वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन 2022’ का आयोजन करेंगे। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया, ‘‘भारत द्वारा विभिन्न देशों के साथ किए गए सैन्य प्रशिक्षण अभ्यासों की श्रृंखला में, जापान के साथ यह अभ्यास वर्तमान वैश्विक हालात की पृष्ठभूमि में दोनों देशों द्वारा सामना की जाने वाली सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।’’

read more: यूक्रेन संकट: केरल के छात्रों की चिंता कि कभी भी बिजली-पानी आपूर्ति बंद हो सकती है

जापानी सेना इस अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को बेलगाम पहुंची। भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया क्वाड ग्रुप का हिस्सा हैं, जिसका गठन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को चीन के प्रभाव से मुक्त रखने के लिए किया गया है।

बयान में कहा गया है कि ‘धर्म गार्जियन’ अभ्यास के दायरे में जंगल और अर्ध शहरी तथा शहरी इलाकों में अभियान पर प्लाटून स्तर का संयुक्त प्रशिक्षण शामिल है। भारतीय सेना की मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के अनुभवी लड़ाकू सैनिक और जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्सेज की 30वीं इन्फैंट्री रेजिमेंट के सैन्यकर्मी इस साल अभ्यास में भाग ले रहे हैं।

read more: प्रचार रोकें, यूक्रेन में फंसे छात्रों को स्वदेश लायें: पटोले ने मोदी से कहा

बयान के मुताबिक 12-दिवसीय अभ्यास कार्यक्रम में अर्ध शहरी इलाके में आतंकवादी ठिकानों पर छापेमारी, प्राथमिक चिकित्सा, निहत्थे मुकाबला समेत अन्य गतिविधियां शामिल हैं। संयुक्त क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास, संयुक्त युद्ध चर्चा और संयुक्त प्रदर्शन का समापन आठ मार्च और नौ मार्च को निर्धारित दो दिवसीय सत्यापन अभ्यास के साथ होगा।

बयान में कहा गया है कि वैश्विक आतंकवाद से मुकाबला के लिए सामरिक कौशल बढ़ाने और सैन्य संबंधों को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। वार्षिक अभ्यास 2018 से हो रहा है।