भारत-अमेरिका संबंध लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर प्रतिबद्धता जैसे साझा मूल्यों पर टिके : विदेश मंत्रा | India-US relations stick to shared values such as commitment to democratic principles: Foreign Ministry

भारत-अमेरिका संबंध लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर प्रतिबद्धता जैसे साझा मूल्यों पर टिके : विदेश मंत्रा

भारत-अमेरिका संबंध लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर प्रतिबद्धता जैसे साझा मूल्यों पर टिके : विदेश मंत्रा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : November 19, 2020/8:01 pm IST

नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत-अमेरिका संबंध लोकतांत्रिक सिद्धांतों को लेकर प्रतिबद्धता समेत साझा मूल्यों और आपसी हितों की नींव पर स्थापित हैं।

विदेश मंत्रालय का यह बयान अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद आया है। बाइडन ने बातचीत के बाद कहा था कि वह ”देश और विदेश में लोकतंत्र को मजबूत करने” समेत साझा वैश्विक चुनौतियों पर मोदी के साथ काम करने को लेकर उत्सुक हैं।

लोकतंत्र के मजबूत करने के बाइडन के बयान पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ”प्रधानमंत्री और निर्वाचित राष्ट्रपति के बीच 17 नवंबर को फोन पर हुई बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका की व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने में रुचि की बात दोहराई।”

प्रवक्ता ने कहा, ”दो परिपक्व और मजबूत लोकतांत्रिक देश होने के नाते, हमारे संबंध लोकतांत्रिक सिद्धांतों को लेकर प्रतिबद्धता समेत साझा मूल्यों और आपसी हितों की नींव पर स्थापित हैं।”

इस बीच विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को कहा कि लचीली अर्थव्यवस्था के निर्माण के प्रयासों में अमेरिका भारत का प्राकृतिक साझेदार है।

अमेरिका भारत सामरिक साझेदारी फोरम के साथ डिजिटल माध्यम से संवाद के दौरान विदेश सचिव ने कहा, ”हमारा मानना है कि लचीली अर्थव्यवस्था के निर्माण की हमारी कोशिशों में अमेरिका भारत का प्राकृतिक साझेदार है। ”

उन्होंने कहा, ”हमारे द्विपक्षीय संबंधों की उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक अमेरिका में भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए एक साथ काम करने के लिए मजबूत द्विपक्षीय समर्थन है। हम इसे और मजबूत तथा समेकित करने के लिए नए अमेरिकी प्रशासन के साथ काम करने को लेकर उत्सुक हैं।”

भाषा जोहेब प्रशांत

प्रशांत

 

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