भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा विश्‍व व्‍यापार का आधार बनेगा: प्रधानमंत्री मोदी

भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा विश्‍व व्‍यापार का आधार बनेगा: प्रधानमंत्री मोदी

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  • Publish Date - September 24, 2023 / 03:10 PM IST,
    Updated On - September 24, 2023 / 03:10 PM IST

नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अफ्रीकी संघ को जी20 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किए जाने और ‘भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा’ बनाए जाने के बारे में दिये अपने सुझाव का उल्लेख करते हुए रविवार को कहा कि इन फैसलों ने विश्व के शक्तिशालों देशों के इस समूह में भारत के नेतृत्व का लोहा मनवाया है।

प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 105वीं कड़ी में देशवासियों के साथ अपने विचार साझा करते हुए इस प्रस्तावित आर्थिक गलियारे की तुलना भारत के अत्यधिक समृद्ध काल में व्यवसाय और व्‍यापार का प्रमुख माध्यम रहे ‘सिल्क रूट’ (रेशम मार्ग) से की और दावा किया कि आने वाले सैकड़ों वर्षों के लिए यह विश्‍व व्‍यापार का आधार बनेगा।

मोदी ने ‘मन की बात’ के इस संस्करण में जहां चंद्रयान-3 और जी20 की सफलता के साथ ही रोजगार सृजन में पर्यटन की भूमिका, भारत में विश्‍व विरासत स्‍थलों की बढ़ती संख्या और भारतीय संगीत के प्रति दुनिया भर में लोगों के बढ़ते आकर्षण का उल्लेख किया, वहीं त्योहारों के दौरान स्‍थानीय उत्‍पादों की खरीद का मंत्र भी याद दिलाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दिनों उन्हें चंद्रयान-3 और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जी20 के सफल आयोजन के बारे में देश के हर हिस्से और समाज के हर वर्ग व उम्र के लोगों के ‘अनगिनत’ पत्र मिले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा पर उतरने वाला था, तब करोड़ों लोग अलग-अलग माध्यमों से इस घटना के पल-पल के साक्षी बनें। इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के यू-ट्यूब चैनल पर 80 लाख से ज्यादा लोगों ने इस घटना को देखा। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इससे पता चलता है कि चंद्रयान-3 से करोड़ों भारतीयों का कितना गहरा लगाव है।’’

उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता पर सरकार की ओर से आयोजित ‘क्विज’ (प्रश्नोत्तरी) प्रतियोगिता का भी जिक्र किया और देशवासियों से इससे जुड़ने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद जी20 के सफल आयोजन ने हर भारतीय की खुशी को दोगुना कर दिया और आयोजन स्थल ‘भारत मंडपम’ तो अपने आप में एक ‘सेलिब्रिटी’ की तरह हो गया है जहां लोग जा रहे हैं, ‘सेल्फी’ ले रहे हैं और गर्व से उसे सोशल मीडिया मंचों पर साझा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने इस सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को जी20 में पूर्ण सदस्य बनाकर अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया है। जब भारत बहुत समृद्ध था तो उस जमाने में, हमारे देश और दुनिया में ‘सिल्क रूट’ की बहुत चर्चा हुआ करती थी। यह सिल्क रूट व्यापार व कारोबार का बहुत बड़ा माध्यम था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक जमाने में भारत ने एक और आर्थिक गलियारे का जी20 को सुझाव दिया है। यह है: भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा। यह गलियारा आने वाले सैकड़ों वर्षों तक विश्व व्यापार का आधार बनेगा। इतिहास इस बात को हमेशा याद रखेगा कि इस गलियारे का सूत्रपात भारत की धरती पर हुआ।’’

जी20 के आयोजन में भारत की युवा शक्ति के योगदान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दौरान साल भर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कई कार्यक्रम हुए तथा इसी श्रृंखला में दिल्ली में एक और एक शानदार कार्यक्रम होने वाला है।

उन्होंने बताया कि ‘जी20-यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम’ के माध्यम से देश भर के लाखों छात्र एक दूसरे से जुड़ेंगे और इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र भाग लेंगे।

उन्होंने छात्रों से इससे जुड़ने का अनुरोध करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में भारत और युवाओं के भविष्य संबंधी कई दिलचस्प बातें होंगी।

उन्होंने बताया कि वह खुद इस कार्यक्रम में शामिल होंगे और छात्रों से संवाद करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में और विशेष रूप से जी20 शिखर सम्‍मेलन के दौरान भारत की तरफ दुनिया का आकर्षण बहुत बढा है।

उन्‍होंने जी20 सम्मेलन में शिरकत करने आए विदेशी प्रतिनिधियों का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान उन्हें भारत की विविधता, विभिन्‍न परम्‍पराओं, खानपान और विरासत को देखने को अवसर मिला और उन्होंने इस दौरान जो अनुभव हुआ, उससे पर्यटन और बढेगा।

आगामी 27 सितम्‍बर को मनाए जाने वाले विश्‍व पर्यटन दिवस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन पर्यटन का बहुत बडा पहलू है और यह क्षेत्र कम से कम निवेश के साथ अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देता है।

प्रधानमंत्री ने प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि भारत में विश्‍व विरासत स्‍थलों की संख्‍या लगातार बढ रही है। उन्होंने हाल में, शांति निकेतन और कर्नाटक के होयसल मंदिर समूह को विश्‍व विरासत स्‍थलों की सूची में शामिल किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि इससे भारतीय परम्‍परा को भी सम्‍मान मिला है।

उन्होंने कहा कि भारत में विश्‍व विरासत स्‍थलों की संख्‍या अब 42 हो गई है और भारत यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि ज्‍यादा से जयादा ऐतिहासिक और सांस्‍कृतिक स्‍थलों को विश्‍व विरासत स्‍थलों की सूची में शामिल किया जाए।

उन्‍होंने लोगों से आग्रह किया कि जब भी वे किसी नयी जगह जाएं तो भारत की विविधता को अवश्य देखें, विभिन्‍न राज्‍यों की संस्‍कृति को समझें और विरासत स्‍थलों को देखें।

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारतीय गाने गाकर जर्मनी की 21 वर्ष की युवती कैसमी इंस्‍टाग्राम पर लोकप्रिय हो गई हैं।

उन्‍होंने कहा कि कैसमी भारत कभी नहीं आयीं, लेकिन वह भारतीय गीत-संगीत की प्रशंसक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय संगीत में उनकी रूचि अत्‍यधिक प्रेरणादायी है। वह तबलावादक भी हैं और संस्‍कृत, हिंदी, मलयालम तमिल, कन्‍नड और असमिया जैसी कई भारतीय भाषाओं में गाती हैं।’’

भारत में शिक्षा को सदैव सेवा का माध्यम माने जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने उत्‍तराखण्‍ड के कुछ युवाओं के बारे में बात की जो, जन-सेवा की भावना से बच्‍चों की शिक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नैनीताल जिले के इन युवाओं ने बच्‍चों के लिए अनोखा घोड़ा-पुस्‍तकालय शुरू किया है। इसकी सबसे बडी खूबी यह है कि वह दूर-दराज के क्षेत्रों के बच्‍चों तक पुस्‍तकें पहुंचा रही हैं और यह पूरी तरह निशुल्‍क हैं।

मोदी ने हैदराबाद में भी इसी तरह का एक और अनूठा प्रयास किये जाने का उल्लेख किया और कहा कि डिजिटल तकनीक और ई-पुस्‍तकों के युग में अब भी लोगों के जीवन में पुस्तकें अच्‍छे मित्र की भूमिका निभा रही हैं।

उन्‍होंने बच्‍चों को पुस्‍तकें पढने के लिए प्रेरित किए जाने पर बल दिया।

वन्‍य जीव संरक्षण के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में शेर, बाघ, तेंदुओं और हाथियों की संख्‍या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और अन्‍य जीव-जन्‍तुओं को बचाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।

इस दिशा में काम कर रहे राजस्‍थान के पुष्‍कर के सुखदेव भट्ठ और उनकी टीम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अब तक 30,000 से अधिक विषैले सापों को बचाया है।

प्रधानमंत्री ने ऑटों चालक एम. राजेन्‍द्र प्रसाद का भी जिक्र किया, जो पिछले 25-30 वर्ष से तमिलनाडु के चेन्‍नई में कबूतरों की सेवा कर रहे हैं।

उन्होंने उत्‍तर प्रदेश में सम्‍भल के कुछ लोगों द्वारा विलुप्‍त हो चुकी सोत नदी में जलधारा वापस लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया और कहा कि केवल छह महीने के अंदर ही इन लोगों ने सौ किलोमीटर से अधिक दूरी तक नदी की जलधारा वापस लाने में सफलता पाई है।

प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल की शकुंतला सरदार की भी सराहना की, जो कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है।

उन्होंने कहा कि शकुंतला अपने परिवार के साथ जंगल महल के शातनाला गांव में रहती हैं और सिलाई मशीन के जरिए साल की पत्तियों पर खूबसूरत डिजाइन बनाती हैं और महिलाओं को इसका प्रशिक्षण भी दे रही हैं।

प्रधानमंत्री ने लोगों को त्योहारों के दौरान स्‍थानीय उत्‍पादों की खरीद का मंत्र भी याद दिलाया और कहा कि उन्हें भारत में बनी चीजें खरीदनी चाहिए।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र सुभाष

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