शिक्षा मंत्रालय ने दूसरी कक्षा तक गृह कार्य नहीं देने व स्कूल बैग का वजन कम करने का सुझाव दिया

शिक्षा मंत्रालय ने दूसरी कक्षा तक गृह कार्य नहीं देने व स्कूल बैग का वजन कम करने का सुझाव दिया

  •  
  • Publish Date - December 8, 2020 / 07:20 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:15 PM IST

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल बैग पर अपनी नई नीति में दूसरी कक्षा तक गृह कार्य नहीं देने, स्कूलों में वजन करने वाली डिजिटल मशीनें रखने और परिसर में पेय जल उपलब्ध कराने जैसी सिफारिश की हैं। साथ में पहियों वाले बैगों पर रोक लगाने की भी अनुशंसा की है।

Read More News:  छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी का बड़ा बयान, कहा- 2023 में …

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप की गई सिफारिशों में कक्षा एक से 10वीं तक के विद्यार्थियों के स्कूल बैग का भार उनके शरीर के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

इसमें कहा गया है कि इस क्षेत्र में किए गए शोध अध्ययन के आधार पर स्कूल बैग मानक भार को लेकर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की सिफारिश है और यह सार्वभौमिक तौर पर स्वीकार की जाती है।

Read More News:   केंद्र ने बिना चर्चा कर बना दिया कृषि कानून, सभी फसलों पर MSP लागू …

स्कूलों से कहा है गया है कि वे वजन करने वाली डिजिटल मशीनें विद्यालय परिसर में रखें और नियमित आधार पर स्कूल के बैग के वजन की निगरानी करें।

नीति दस्तावेज में कहा गया है कि पहिये वाले बैग पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि सीढ़ियां चढ़ते वक्त यह बच्चे को चोटिल कर सकते हैं।

उसमें कहा गया है कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि जो सुविधाएं उन्हें अनिवार्य रूप से प्रदान करनी चाहिए, विद्यालय उन्हें पर्याप्त मात्रा और अच्छी गुणवत्ता में उपलब्ध कराएं जैसे मध्याह्न भोजन ताकि बच्चे घर से टिफिन जैसे सामान लेकर नहीं आएं।

Read More News: सेक्स रैकेट के लिए ड्रग सप्लाई 7 आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे, गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड बनकर SI और आरक्षक ने किया भांडाफोड़

नीति दस्तावेज में कहा गया है कि स्कूल या कक्षा के समय को लचीला बनाने की जरूरत है और बच्चों को खेल एवं शारीरिक शिक्षा तथा स्कूलों में पाठ्य पुस्तकों के अलावा किताबें पढ़ने का पर्याप्त समय दिया जाए।

नीति में कहा गया है कि दूसरी कक्षा तक कोई गृह कार्य नहीं दिया जाए और नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को रोजाना अधिकतम दो घंटे का गृह कार्य दिया जा सकता है।

इसमें कहा गया है कि तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को हफ्तें में अधिकतम दो घंटे का गृह कार्य दिया जा सकता है।

Read More News:   सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं, जानिए अमित शाह के साथ बैठक के बाद किसान नेताओं ने क्या कहा

छठीं से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को अधिकतम एक घंटे का गृह कार्य दिया जाना चाहिए।