नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि यात्रा में तेज और लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर अगले पांच वर्षों में प्रमुख शहरों से नयी ट्रेन के प्रस्थान की क्षमता को दोगुना करने की आवश्यकता है।
मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की जरूरत है ताकि आगामी वर्षों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
वर्ष 2030 तक क्षमता को दोगुना करने के लिए आवश्यक कदमों को रेखांकित करते हुए, योजना में मौजूदा टर्मिनल का अतिरिक्त प्लेटफार्मों के साथ विस्तार, शहरी क्षेत्र के भीतर और आसपास नए टर्मिनल की पहचान और शुरुआत, मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स सहित रखरखाव सुविधाओं का निर्माण तथा ट्रैफिक सुविधा संबंधी कार्यों के माध्यम से खंड की क्षमता में वृद्धि जैसे उपाय शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा, ‘टर्मिनल की क्षमता बढ़ाने की योजना बनाते समय, टर्मिनल के आसपास के स्टेशनों पर भी विचार किया जाएगा ताकि क्षमता समान रूप से संतुलित हो। उदाहरण के लिए, पुणे शहर के लिए हडपसर, खड़की और आलंदी पर प्लेटफॉर्म को बढ़ाने और लाइन को सुगम करने के साथ-साथ क्षमता बढ़ाने पर विचार किया गया है।’
मंत्रालय ने कहा, ‘उपरोक्त कवायद उपनगरीय और गैर-उपनगरीय यातायात दोनों खंडों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। ‘
मंत्रालय 48 प्रमुख शहरों में स्टेशनों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम योजना निदेशालय को प्रस्तुत करेगा। इनमें से कुछ शहर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पटना, पुणे, मथुरा, आगरा और लुधियाना समेत अन्य हैं।
मंत्रालय ने कहा, ‘इस योजना में समयबद्ध तरीके से ट्रेन के परिचालन की क्षमता को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजनाबद्ध, प्रस्तावित या पहले से स्वीकृत कार्य शामिल होंगे।’
रेल मंत्रालय ने कहा, ‘क्षमता को 2030 तक दोगुना करने की योजना है, लेकिन उम्मीद है कि अगले पांच वर्षों में क्षमता में उत्तरोत्तर वृद्धि की जाएगी ताकि क्षमता वृद्धि का लाभ तुरंत उठाया जा सके। इससे वर्षों में यातायात की आवश्यकता को उत्तरोत्तर पूरा करने में मदद मिलेगी। योजना तीन श्रेणियों के तहत यानी, तत्काल, अल्पकालिक और दीर्घकालिक कार्यों को वर्गीकृत करेगी।’
अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तावित योजना स्पष्ट समयसीमा और परिभाषित परिणामों के साथ विशिष्ट होनी चाहिए।
भाषा आशीष माधव
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