केरल के पलिक्कारा में किशोर संत कार्लो एक्यूटिस को समर्पित भारत का पहला गिरजाघर स्थापित

केरल के पलिक्कारा में किशोर संत कार्लो एक्यूटिस को समर्पित भारत का पहला गिरजाघर स्थापित

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  • Publish Date - September 8, 2025 / 12:49 PM IST,
    Updated On - September 8, 2025 / 12:49 PM IST

कोच्चि, आठ सितंबर (भाषा) लंदन में जन्मे कार्लो एक्यूटिस को पोप लियो 14वें सात सितंबर को जब संत घोषित कर रहे थे तो उसी समय कोच्चि के समीप पलिक्कारा में एक नये गिरजाघर को धार्मिक उद्देश्य के लिए समर्पित किया गया।

यह गिरजाघर ‘सहस्राब्दि संत’ घोषित किये गए कार्लो एक्यूटिस को समर्पित है।

गिरजाघर के अधिकारियों के अनुसार, यह गिरजाघार देश के उन पहले गिरजाघरों में से एक है जो किशोर संत को समर्पित है, जिनकी 2006 में 15 वर्ष की आयु में ल्यूकेमिया के कारण मृत्यु हो गई थी।

गिरजाघर निर्माण समिति के संयुक्त संयोजक रॉबी फिलिप ने कहा कि यह पहल वारापुझा आर्कबिशप जोसेफ कलाथिपरम्बिल की थी, जिन्होंने नयी पीढ़ी के लिए एक गिरजाघर की कल्पना की थी जो संत एक्यूटिस को समर्पित हो।

डायोसिस के स्वामित्व वाली भूमि पर निर्मित यह गिरजाघर इस वर्ष अप्रैल में निर्माण शुरू होने के कुछ महीनों के भीतर ही बनकर तैयार हो गया।

फिलिप ने बताया कि पास में ही संत एक्यूटिस और संत एंटनी को समर्पित एक चैपल भी बनाया जा रहा है।

पोप लियो 14वें ने रविवार को कार्लो एक्यूटिस को कैथोलिक चर्च का प्रथम सहस्राब्दि संत घोषित किया।

पोप के मुताबिक, संत घोषित किये गए कार्लो एक्यूटिस ने कैथोलिकों की अगली पीढ़ी के लिए आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया, आस्था के प्रचार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया और ‘‘ईश्वर के इंन्फ्लूएंसर’ का उपनाम अर्जित किया।

कंप्यूटर विशेषज्ञ रहे कार्लो एक्यूटिस का 2006 में 15 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।

भाषा गोला अमित

अमित