नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के संबंध में केंद्र पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों की मंगलवार को आलोचना की और कहा कि निर्वाचन आयोग के लिए अधिकारियों के चयन में ‘‘रचनात्मक’’ सहायता करने के बजाय वह झूठ बोल रहे हैं।
लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ को ‘‘सबसे बड़ा राष्ट्र विरोधी कृत्य’’ करार दिया और आरोप लगाया कि भाजपा निर्वाचन आयोग पर कब्जा करके इस कृत्य को अंजाम देते हुए ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ (भारत की अवधारणा) नष्ट कर रही है।
तीन सवाल उठाते हुए राहुल गांधी ने दावा किया कि इनसे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा भारत के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए निर्वाचन आयोग का इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस नेता ने पूछा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को क्यों हटाया गया।
कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए, भाजपा ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर लिखा, ‘‘राहुल गांधी संसद में झूठ बोलते हैं।’’
पार्टी ने कहा, ‘‘राहुल गांधी कहते हैं कि निर्वाचन आयुक्तों का चयन प्रधान न्यायाधीश और नेता प्रतिपक्ष वाली समिति करती थी।’’ भाजपा ने पूछा, ‘‘क्या राहुल गांधी कांग्रेस सरकार के दौरान किसी एक निर्वाचन आयुक्त का नाम बता सकते हैं जिसे प्रधान न्यायाधीश या नेता प्रतिपक्ष वाली समिति ने चुना हो?’’
पोस्ट में कहा गया कि यह समिति नए कानून बनने तक अस्थायी रूप से बनाई गई थी। भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस शासन के दौरान निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा ‘सीधे’ की जाती थी। पोस्ट में पूछा गया, ‘‘क्या राहुल गांधी अपने संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) शासन को भूल गए?’’
सत्तारूढ़ पार्टी ने आरोप लगाया कि 2005 में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने नवीन चावला को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया था और पूछा कि क्या ऐसा करने का उन्हें अधिकार था।
पार्टी ने आरोप लगाया, ‘‘2014 के लोकसभा चुनावों के लिए 2012 में एक नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति की जानी थी। लालकृष्ण आडवाणी जी ने कांग्रेस को मुख्य निर्वाचन आयुक्त के चयन के लिए एक कॉलेजियम बनाने का सुझाव दिया था। कांग्रेस ने इसे नजरअंदाज कर दिया और सीधे वी एस संपत को मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त कर दिया, और तुरंत राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मंजूरी भी ले ली।’’
भाजपा ने कहा, ‘‘नियुक्ति के समय विपक्ष को विश्वास में भी नहीं लिया गया।’’
सत्तारूढ़ दल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी मुख्य निर्वाचन आयुक्त के चयन के लिए गठित समिति का हिस्सा हैं। भाजपा ने कहा, ‘नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त के चयन में रचनात्मक सहायता करने के बजाय, राहुल गांधी केवल नाटक कर रहे हैं।’
भाषा आशीष नेत्रपाल
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