विश्व में तेजी से घटती बाघों की संख्या के लिए जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे मनाया जाता है. इस मुहिम को 2010 से पूरी दुनिया में शुरू किया गया. विश्व के 97 प्रतिशत बाघ खत्म हो चुके हैं और दुनियाभर में महज 3890 टाइगर ही बचे हैं। जिसमें सबसे अधिक संख्या भारत में हैं। पूरे विश्व की 70 फीसदी है। हर साल अकेले भारत में 25 से 50 टाइगर मार दिए जाते हैं। जुलाई 2016 में हुई गणना के अनुसार अकेले भारत में 2500 टाइगर बचे हैं। जिसमें सबसे ज्यादा कर्नाटक के बांदीपुर नेशनल पार्क में 408 टाइगर है।
इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2010 में की गई। साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में बाघों के सरंक्षण के लिए हर साल ‘अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया। तब से हर साल विश्वभर में वर्ल्ड टाइगर डे मनाया जाता है। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था।