आईटीबीपी ने सीएपीएफ के लिए केवीआईसी से आठ करोड़ रुपये मूल्य की खादी की दरियों के लिए ऑर्डर किया

आईटीबीपी ने सीएपीएफ के लिए केवीआईसी से आठ करोड़ रुपये मूल्य की खादी की दरियों के लिए ऑर्डर किया

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  • Publish Date - January 6, 2021 / 11:32 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) विभिन्न केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के लिए खादी की दरियां खरीदेगी। इसके लिए आईटीबीपी ने खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग को आठ करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर किया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले इन बलों में सिर्फ ‘स्वदेशी’ वस्तुओं के इस्तेमाल और बिक्री के केंद्र सरकार के निर्देश के तहत 1,71,520 दरियों की खरीद के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर दोनों संगठनों ने हस्ताक्षर किया।

बीएसएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) देश की आंतरिक सुरक्षा में कई जिम्मेदारियां निभाते हैं।

आईटीबीपी चीन की सीमा से लगते 3,448 किलोमीटर लंबे पर्वतीय क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सुरक्षा में तैनात है। आईटीबीपी अद्धर्सैनिक बलों के लिए कुछ सामान की खरीदारी करने वाली मुख्य एजेंसी है।

आईटीबीपी के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) विभिन्न केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए खादी ग्रामोद्योग (केवीआईसी) से 8.73 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की खादी की दरियां खरीदेगी।’’

उन्होंने बताया कि इस संबंध में बुधवार को गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक भारद्वाज, आईटीबीपी के महानिरीक्षक आनंद स्वरूप और खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उप कार्यकारी अधिकारी वी के नागर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।

पिछले साल जुलाई में आईटीबीपी ने सीएपीएफ के लिए सरसों की तेल की खरीद के लिए इसी तरह का समझौता केवीआईसी से किया था। इस पर 1.73 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई थी।

गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल जून में घोषणा की थी कि सीएपीएफ की कैंटीन में सिर्फ ‘स्वदेशी’ या स्वदेश निर्मित उत्पादों की ब्रिकी शुरू होगी।

प्रवक्ता ने बताया, ‘‘सीएपीएफ के सभी अस्पतालों के लिए केवीआईसी से चादर और तकिए के खोल खरीदने की प्रक्रिया पर भी काम चल रहा है। इसी वित्तीय वर्ष में प्रक्रिया पूरी होने की संभावना है। इन बलों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए केवीआईसी से ऐसे और सामान खरीदे जाएंगे।’’

भाषा सुरभि उमा

उमा

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