जामिया के छात्रों ने 17 साथियों के निलंबन को लेकर जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया

जामिया के छात्रों ने 17 साथियों के निलंबन को लेकर जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया

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  • Publish Date - February 19, 2025 / 07:21 PM IST,
    Updated On - February 19, 2025 / 07:21 PM IST

नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने परिसर में किये गए प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए 17 छात्रों के निलंबन के खिलाफ बुधवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।

वामपंथी छात्र संगठनों – ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (एआईडीएसओ) और अन्य ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

छात्रों ने 17 छात्रों के निलंबन को रद्द करने और प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए उन पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करने की मांग की। जामिया प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

यह मुद्दा तब शुरू हुआ जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले साल दिसंबर में कथित तौर पर अनधिकृत विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए दो पीएचडी छात्रों को निलंबित कर दिया था।

हालांकि, छात्र कार्यकर्ताओं का तर्क है कि प्रशासन असहमति को दबाने का प्रयास कर रहा है।

कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके अभिभावकों से संपर्क किया और चेतावनी दी कि अगर वे विरोध प्रदर्शन में भाग लेना जारी रखते हैं तो प्राथमिकी दर्ज हो सकती है।

प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि प्रदर्शनों में शामिल होने वाले छात्रों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाए।

आइसा के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रशासन ने रातों-रात 17 छात्रों को निलंबित कर दिया, जिसके कारण विभिन्न विभागों के उनके साथियों ने एकजुटता दिखाते हुए बहिष्कार की घोषणा की।

गत 15 दिसंबर, 2024 को ‘जामिया प्रतिरोध दिवस’ के आयोजन में दो पीएचडी छात्रों की भूमिका की समीक्षा के लिए 25 फरवरी को एक अनुशासन समिति की बैठक होनी है।

यह वार्षिक कार्यक्रम नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ 2019 में हुए प्रदर्शनों की शुरुआत की याद दिलाता है। कई छात्रों ने दावा किया कि उन्हें निलंबन नोटिस मिले हैं, जिसमें उन पर ‘तोड़फोड़, अनधिकृत प्रदर्शन और विश्वविद्यालय को बदनाम करने में’ शामिल रहने का आरोप है।

भाषा वैभव संतोष

संतोष