आज का इतिहास: 22 जनवरी को हुई इस घटना की वजह से दुनियाभर में कलंकित हुआ था भारत

आज का इतिहास: 22 जनवरी को हुई इस घटना की वजह से दुनियाभर में कलंकित हुआ था भारत

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  • Publish Date - January 22, 2021 / 05:44 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) साल के पहले महीने का 22वां दिन इतिहास में एक दुखद घटना के साथ दर्ज है। 22 जनवरी 1999 को ओडिशा के क्योंझर में उत्पाती भीड़ ने ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेन्स और उनके दो बेटों को ज़िंदा जला दिया था। इस घटना की धमक पूरी दुनिया में सुनाई दी।

मनोहरपुर गांव में एक भीड़ ने स्टेंस और उनके दो बेटों को उनकी गाड़ी पर पेट्रोल छिड़क कर जला डाला। स्टेंस वहां करीब 30 वर्ष से कुष्ठ रोगियों के लिए काम कर रहे थे लेकिन उनपर उस इलाके में धर्मांतरण कराने का आरोप भी लगा था।

देश दुनिया के इतिहास में 22 जनवरी की तारीख पर दर्ज देश दुनिया की कुछ अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:

1666 : दुनिया को ताज महल के रूप में मोहब्बत का अजीम तोहफा देने वाले मुगल बादशाह शाहजहाँ का निधन ।

1901 : महारानी विक्टोरिया का निधन। महारानी विक्टोरिया ने 1837 में ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैण्ड की महारानी के रूप में सिंहासन संभाला और अपनी मृत्यु तक इस पर आरूढ़ रहीं।

1973 : नाइजीरिया में जॉर्डन एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त, करीब 200 लोगों की मौत।

1973 : अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात को कानूनी तौर पर मान्यता दे दी। इसे अपराध की श्रेणी से निकालते हुए अदालत ने इसे महिला की निजता का संवैधानिक अधिकार बताया।

1980: सोवियत संघ ने सरकार-विरोधी परमाणु वैज्ञानिक आन्द्रेई सखारोव को नज़रबंद किया। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित सखारोव ने एक अमरीकी टेलिविज़न चैनल को दिए साक्षात्कार में अफ़गानिस्तान से सोवियत सेनाएं वापस बुलाने की मांग की थी।

1996 : केलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय की वेधशाला के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से तकरीबन 3,50,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर दो नये ग्रहों की खोज की।

1999: ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेन्स और उनके दो बेटों को उन्मादियों की भीड़ ने जिंदा जलाकर मार डाला।

2001 : पाकिस्तान ने देश में तालिबान के सभी कार्यालयों को बंद किया और आतंक के सरगना ओसामा बिन लादेन की संपतियों पर रोक लगा दी।

2009 : फ़िल्म स्लमडॉग मिलेनियर को ऑस्कर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया।

2009 : सरकार ने सार्वजनिक निजी भागीदारी पर आधारित तीन बंदरगाह परियोजनाओं को मंज़ूदी दी।