अब OBC वर्ग के लोगों को मिलेगा 27 प्रतिशत आरक्षण, इस राज्य की कैबिनेट ने पिछड़ों को दी बड़ी सौगात

OBC को 27% आरक्षण मिले और कर्मचारियों को उनका अधिकार मिले। आज दोबोरा लोगों ने इस कैबिनेट को सराहा है।

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  • Publish Date - September 14, 2022 / 11:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:11 PM IST

jharkhand cabinet

Jharkhand Cabinet Decision: रांची। झारखंड कैबिनेट ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी करने को मंजूरी दी है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज सरकार ने बड़े पैमाने पर कई ऐतिहासिक निर्णय लिए। सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य में 1932 का खतियान लागू हो और OBC को 27% आरक्षण मिले और कर्मचारियों को उनका अधिकार मिले। आज दोबोरा लोगों ने इस कैबिनेट को सराहा है।

सीएम ने कहा कि इस सरकार को कोई हिला नहीं सकता। सभी के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं, सभी के साथ सरकार न्याय करेगी। हमारे विपक्ष के साथी वातावरण में दूषित हवाओं को फैलाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे हमारे कर्मचारी काफी डरे हुए हैं।

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने बुधवार शाम कैबिनेट की बैठक में आरक्षण और डोमिसाइल पॉलिसी पर बड़े फैसले लिये हैं। राज्य में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के साथ-साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को मिलने वाले आरक्षण में वृद्धि का प्रस्ताव पारित किया गया है। स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिलने वाले आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया जायेगा।

इसी तरह अनुसूचित जाति (एससी) को मिलने वाला आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का आरक्षण 26 से बढ़ाकर 28 प्रतिशत किया जायेगा। इसके अलावा अत्यंत पिछड़ा वर्ग (इडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इस तरह कुल मिलाकर राज्य में अब आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़कर 77 हो जायेगा।

इसके साथ ही कैबिनेट ने झारखंड का डोमिसाइल (स्थानीय निवासी) होने के लिए नया मापदंड तय किया है। नई पॉलिसी के अनुसार जिन व्यक्तियों या जिनके पूर्वजों के नाम 1932 में राज्य में हुए भूमि सर्वे के कागजात (खतियान) में दर्ज होंगे, उन्हें ही झारखंड राज्य का डोमिसाइल यानी स्थानीय निवासी माना जायेगा। ऐसे लोग जिनके पूर्वज 1932 या उसके पहले से झारखंड में रह रहे हैं, लेकिन जमीन न होने के कारण जिनके नाम 1932 के सर्वे कागजात (खतियान) में दर्ज नहीं होंगे, उन्हें ग्राम सभाओं की पहचान के आधार पर डोमिसाइल माना जायेगा। आरक्षण का लाभ उन्हें ही मिलेगा, जो झारखंड के डोमिसाइल होंगे।

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