राज्य सरकार संथाल परगना में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करे: झारखंड उच्च न्यायालय

राज्य सरकार संथाल परगना में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करे: झारखंड उच्च न्यायालय

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  • Publish Date - August 13, 2024 / 09:24 PM IST,
    Updated On - August 13, 2024 / 09:24 PM IST

रांची, 13 अगस्त (भाषा) झारखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार को संथाल परगना क्षेत्र में शरण लेने वाले बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों की पहचान करने का निर्देश दिया।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायमूर्ति अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने बांग्लादेशियों के अवैध प्रवास से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को क्षेत्र के मूल निवासियों की पहचान के लिए अभियान शुरू करने का आदेश दिया।

अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि राशन कार्ड, आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए आवश्यक दस्तावेज आवेदकों की भूमि दस्तावेजों और निवास स्थिति की पुष्टि करने के बाद ही जारी किए जाएं।

पीठ ने कहा कि पड़ोसी देश से अवैध आव्रजन एक खतरनाक समस्या है और राज्य तथा केंद्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

बहस के दौरान याचिकाकर्ता दानियाल दानिश ने अदालत को बताया कि संथाल परगना के छह जिलों – देवघर, दुमका, साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा और जामताड़ा में अवैध अप्रवासी बस गए हैं और इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र की जनसांख्यिकी में काफी बदलाव आया है।

अदालत को बताया गया कि 1951 से 2011 के बीच जनजातीय आबादी का प्रतिशत 44.67 से घटकर 28.11 हो गया है, जबकि अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी 9.44 प्रतिशत से बढ़कर 22.73 प्रतिशत हो गई है।

अदालत इस मामले पर 22 अगस्त को फिर सुनवाई करेगी।

भाषा प्रशांत माधव

माधव