नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. आर. स्वामीनाथन को पद से हटाने का प्रस्ताव लाने संबंधी विपक्ष के नोटिस पर नियम प्रक्रिया के तहत यह तय होगा कि इसे स्वीकार करना है या अस्वीकार करना है।
बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि सदन में टकराव नहीं संवाद होना चाहिए।
न्यायाधीश स्वामीनाथन के खिलाफ विपक्ष द्वारा दिए गए नोटिस से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ‘नोटिस मिला है, उस पर विचार कर रहे हैं, नियम प्रक्रिया के तहत यह तय करेंगे कि इसे स्वीकार करना या अस्वीकार।’
कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों ने ‘कार्तिगई दीपम’ मामले में फैसला देने वाले मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के न्यायाधीश जी. आर. स्वामीनाथन को पद से हटाने का प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस बीते नौ दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष बिरला को सौंपा था तथा आरोप लगाया था कि न्यायमूर्ति स्वामीनाथन का आचरण न्यायपालिका की निष्पक्षता, पारदर्शिता और धर्मनिरपेक्ष कार्यप्रणाली के संबंध में गंभीर सवाल खड़े करता है।
बिरला ने यह भी बताया कि देश की आजादी के बाद से लोकसभा में हुई चर्चाओं को अंग्रेजी और हिंदी भाषा में डिजिटल स्वरूप दिया जा चुका और आने वाले समय में इनका दूसरी भाषाओं में भी डिजिटलीकरण किया जाएगा।
भाषा हक खारी वैभव
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