विजयपुरा (कर्नाटक), तीन फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक बसनगौडा पाटिल यतनाल ने सोमवार को कहा कि वह अन्य ‘‘निष्ठावान’’ पार्टी नेताओं के साथ चार फरवरी को दिल्ली जाएंगे और भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख बी वाई विजयेंद्र और उनके पिता एवं वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा के संबंध में पार्टी आलाकमान के समक्ष अपनी शिकायतें रखेंगे।
बीजापुर शहर के विधायक ने विजयेंद्र और उनके परिवार को ‘‘भ्रष्ट’’ करार दिया और उन पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ ‘‘समायोजन की राजनीति’’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा से भाई-भतीजावाद को समाप्त करने का आह्वान भी किया।
यतनाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम कल दिल्ली जा रहे हैं, ताकि (पार्टी नेतृत्व को) येदियुरप्पा और उनके बेटे के कारनामों के बारे में बता सकें। आप (पार्टी) एक भ्रष्ट परिवार चाहते हैं या ईमानदार और निष्ठावान पार्टी कार्यकर्ता? भाजपा में भाई-भतीजावाद खत्म होना चाहिए। नेतृत्व भ्रष्ट परिवार के हाथों से लेकर हिंदुत्व का पालन करने वालों के हाथों में दिया जाना चाहिए।’’
यतनाल ने तीन मुख्य बिंदुओं पर जोर दिया जिन्हें वे पार्टी नेतृत्व के समक्ष उठाने की योजना बना रहे हैं: ‘‘पहला, भ्रष्ट परिवार को दूर रखें; दूसरा, भाजपा में वंशवाद की राजनीति से बचें; और तीसरा, पार्टी को गैर-हिंदुत्व नेतृत्व की आवश्यकता नहीं है।’’
उन्होंने राज्य में हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्याओं के जवाब में कड़ी कार्रवाई नहीं करने के लिए प्रदेश नेतृत्व की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने भी हिंदुत्व की रक्षा नहीं की, राज्य में हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या होने पर सख्त कार्रवाई करने के बयानों के अलावा कुछ नहीं हुआ। इस गैर हिंदुत्व राजनीति के कारण भाजपा यहां इतनी दयनीय स्थिति में पहुंच गई है।’’
यतनाल ने यह भी कहा कि दिल्ली जाने वाले समूह में शामिल होने वाले निष्ठावान पार्टी कार्यकर्ताओं की संख्या में वृद्धि हुई है, कई नेता जो पहले तटस्थ थे, अब उनके साथ जुड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘निष्ठावान, जो तटस्थ थे और दोनों पक्षों में थे, वे भी अब हमारे साथ जुड़ गए हैं, यह महसूस करने के बाद कि अगर विजयेंद्र बने रहे, तो भाजपा की स्थिति खराब हो जाएगी।’’
विधायक ने विजयेंद्र पर कांग्रेस के साथ ‘समायोजन की राजनीति’ में लिप्त होने का आरोप भी लगाया। उन्होंने उल्लेख किया कि जब उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने दावा किया कि विजयेंद्र कांग्रेस के समर्थन के कारण विधायक बने हैं, तो विजयेंद्र ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (कांग्रेस) येदियुरप्पा और उनके बेटे को धमकी दी है कि यदि आप सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं, तो हम आपके (येदियुरप्पा और विजयेंद्र) खिलाफ पॉक्सो मामला और जालसाजी का मामला उठाएंगे। हम भाजपा आलाकमान से पूछना चाहते हैं कि क्या हमें ऐसे लोगों की जरूरत है?’’
नवंबर 2023 में विजयेंद्र को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाया गया था। उनके पद पर नियुक्ति से भाजपा में नाराजगी है और कई वरिष्ठ नेताओं ने बार-बार उनके नेतृत्व और उनकी कार्यशैली के खिलाफ़ अपनी नाराजगी व्यक्त की है और शिकारीपुरा के विधायक इस नाराजगी को दूर करने में असमर्थ रहे हैं।
कई नेता, विशेष रूप से यतनाल और रमेश जरकीहोली (विधायक) ने विजयेंद्र की खुलकर आलोचना की है, उन पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ ‘समायोजन की राजनीति’ में लिप्त होने का आरोप लगाया है। उन्होंने पार्टी को अपने चंगुल में रखने की कोशिश करने के लिए उनकी और उनके पिता – येदियुरप्पा की आलोचना भी की है।
इससे पहले दिन में प्रदेश भाजपा प्रमुख बी वाई विजयेंद्र भाजपा की कर्नाटक इकाई के भीतर गुटबाजी के बीच अपने पद पर बने रहने को लेकर आश्वस्त नजर आए।
विजयेंद्र के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, यतनाल ने कहा, ‘‘कोई भी दावा कर सकता है कि वह वापसी करेगा (पद संभालने के लिए), यहां तक कि जिन लोगों की जमानत जब्त हो जाएगी, वे भी दावा करेंगे कि वे चुनाव में विजयी होंगे।’’
भाषा अमित नरेश
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