बेंगलुरु, 23 मार्च (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों के संगठन ‘सारिगे निगमगाला नौकरारा समाना मनस्कारा वेदिके’ द्वारा प्रस्तावित वाहनों की हड़ताल पर अस्थायी रोक लगा दी है।
वेतन संशोधन, भत्ते और कर्मचारियों की भर्ती के मुद्दे पर हड़ताल 24 मार्च को शुरू होने वाली थी।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रसन्न बी वराले और न्यायमूर्ति अशोक एस किनागी की पीठ ने हड़ताल के आह्वान के खिलाफ बृहस्पतिवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि चूंकि समूचे कर्नाटक में छात्रों की आम परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं ऐसे में किसी भी तरह के हड़ताल से उनका भविष्य खतरे में आ सकता है। इसलिए, इस समय किसी भी तरह के हड़ताल की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
अदालत ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक किसी भी तरह की हड़ताल नहीं होनी चाहिए और मामले में सुनवाई तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। जनहित याचिका में परिवहन यूनियन को नोटिस जारी करने के आदेश दिए गए।
बीएमटीसी, केएसआरटीसी, एनडब्ल्यूकेआरटीसी और केकेआरटीसी के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनियन ने पहले अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की थी।
भाषा सुरभि धीरज
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