अलप्पुझा (केरल), 30 दिसंबर (भाषा) केरल की एक अदालत ने कैंपस फ्रंट के कथित कार्यकर्ताओं को 13 साल पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ता की हत्या के मामले में मंगलवार को बरी कर दिया।
मावेलिक्कारा अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने यह फैसला सुनाया।
एबीवीपी ने फैसले को निराशाजनक बताते हुए कहा कि वह इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देगी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 16 जुलाई 2012 को चेंगन्नूर के एक सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज में स्नातक छात्रों के स्वागत के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने आए विशाल की कैंपस फ्रंट के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी।
कैंपस फ्रंट कार्यकर्ता एक पूर्व नियोजित हमले के तहत मौके पर पहुंचे थे।
इस मामले में 20 लोगों पर आरोप लगाए गए थे।
‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) और ‘केरल स्टूडेंट्स यूनियन’ (केएसयू) के कार्यकर्ताओं सहित कुछ गवाहों के कार्यवाही के दौरान मुकर जाने के बाद यह मुकदमा सुर्खियों में आ गया।
घटना के दौरान उसके दो साथी गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि कई अन्य लोगों पर हमला किया गया।
गंभीर रूप से घायल विशाल की अगले दिन कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
स्थानीय पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जांच की और बाद में इसे अपराधा शाखा ने अपने हाथों में ले लिया था।
भाषा यासिर नरेश
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