बेंगलुरु, 30 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि अगर कांग्रेस आलाकमान को नेतृत्व के मुद्दे पर कोई फैसला लेना है, तो उन्हें फरवरी में बजट तैयार होने से पहले ही ले लेना चाहिए।
परमेश्वर ने कहा कि नेतृत्व में बदलाव होना चाहिए या नहीं, इसका फैसला कांग्रेस आलाकमान करेगा।
नेतृत्व के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में परमेश्वर ने कहा, ‘बजट तैयार करने का काम फरवरी में शुरू होगा, लगभग एक महीना और बाकी है। अगर आलाकमान को इस मुद्दे पर कुछ फैसला लेना है, तो उन्हें उससे पहले ही फैसला कर लेना चाहिए।’’
उन्होंने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘बजट तो किसी को तैयार करना ही होगा, है ना? राज्य की जनता को हमने जो आश्वासन दिया है, उसी के आधार पर बजट पेश किया जाना चाहिए। यह किया जाएगा।’’
नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच, सिद्धरमैया ने पिछले महीने इस बात पर जोर दिया था कि वह अगले साल अपना रिकॉर्ड 17वां बजट पेश करेंगे।
वित्त मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे मुख्यमंत्री ने मार्च में अपना 16वां बजट पेश किया था। 2026-27 का बजट अगले साल मार्च में पेश किए जाने की संभावना है।
हाल में हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के दौरान दिल्ली में कुछ लोगों द्वारा परमेश्वर को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शन के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर गृह मंत्री ने कहा, ‘जो लोग कह रहे हैं कि परमेश्वर को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, उन्होंने यह बात मेरे प्रति स्नेहवश कही होगी। मैं उन्हें ऐसी बातें नहीं कहने के लिए कैसे कह सकता हूं? ऐसा लगता है कि आप यह सुझाव दे रहे हैं कि मुझे उन्हें ऐसी बातें नहीं कहने के लिए कहना चाहिए।’’
कांग्रेस नेताओं के एक समूह की दिल्ली में कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल से मुलाकात और नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में परमेश्वर को मुख्यमंत्री बनाने की मांग संबंधी खबरों पर उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस आलाकमान के पास सारी जानकारी होगी। वे महासचिव से जानकारी लेंगे और वे अपने तरीके से भी जानकारी जुटाते हैं।’’
उन्होंने कहा, “उन्हें पता है कि क्या और कब तय करना है। नेतृत्व में बदलाव होना चाहिए या नहीं, ये सब वे ही तय करेंगे।’’
पूर्व में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके परमेश्वर ने खुद पिछले महीने कहा था कि वे भी मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में हैं। इसके अलावा, नेतृत्व परिवर्तन की स्थिति में कांग्रेस के भीतर एक “दलित मुख्यमंत्री” की मांग भी उठ रही है, जिसमें परमेश्वर प्रमुख दावेदारों में से एक हैं।
पार्टी हलकों में यह अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि किसी भी बदलाव की स्थिति में सिद्धरमैया का धड़ा परमेश्वर या अपने किसी अन्य वरिष्ठ नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए प्राथमिकता दे सकता है।
कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन के उस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि 6 या 9 जनवरी को उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के राज्य के मुख्यमंत्री बनने की 200 प्रतिशत संभावना है, परमेश्वर ने मजाक में कहा, “एक बार इकबाल हुसैन ने कह दिया तो बात पक्की है। मैं इसे स्वीकार करूं या ना करूं, यह सवाल ही नहीं है।”
नेतृत्व के मुद्दे के बीच, सिद्धरमैया ने 19 दिसंबर को विधानसभा में कहा था कि वह अपने पद पर बने रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस आलाकमान उनके पक्ष में है और इस बात पर जोर दिया था कि उनके ढाई साल के कार्यकाल को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा था कि उन्होंने और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कांग्रेस आलाकमान की से एक समझौता किया है और वे दोनों इसका पालन करेंगे।
भाषा अमित दिलीप
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