नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने 2012 में अपनी मां की हत्या करने के अपराध में एक व्यक्ति को कठोर आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बबरू भान दोषी रमेश के लिए सजा की अवधि पर दलीलें सुन रहे थे। उसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के अपराध में दोषी ठहराया गया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, रमेश को 15 मई, 2012 को उत्तरी दिल्ली के विजय कॉलोनी इलाके में संपत्ति विवाद को लेकर अपनी मां शांति देवी की गोली मारकर हत्या करने का दोषी ठहराया गया है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक घनश्याम ने तर्क दिया कि दोषी किसी भी प्रकार की नरमी का हकदार नहीं है।
अदालत ने 15 दिसंबर के एक आदेश में कहा, ‘रमेश को आईपीसी की धारा 302 के तहत दंडनीय अपराध के लिए कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है और उसे 40,000 रुपये का जुर्माना अदा करना होगा।”
इससे पहले छह दिसंबर को अदालत ने रमेश को दोषी ठहराते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष ने संदेह से परे यह साबित कर दिया है कि उसने देसी तमंचे से अपनी मां की गोली मारकर हत्या की थी।
भाषा नोमान माधव
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