केरल सरकार ने रिश्वतखोरी मामले में आरोपी कारागार उपमहानिरीक्षक को निलंबित किया

केरल सरकार ने रिश्वतखोरी मामले में आरोपी कारागार उपमहानिरीक्षक को निलंबित किया

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  • Publish Date - December 23, 2025 / 06:48 PM IST,
    Updated On - December 23, 2025 / 06:48 PM IST

तिरुवनंतपुरम, 23 दिसंबर (भाषा) केरल सरकार ने कैदियों को पैरोल और अन्य सुविधाएं देने के बदले रिश्वत लेने के आरोप में मामला दर्ज होने के बाद जेल उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) एम. के. विनोद कुमार को निलंबित कर दिया।

डीआईजी जेल एम. के. विनोद कुमार के खिलाफ सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) ने मामला दर्ज किया था।

सरकारी आदेश के अनुसार, वीएसीबी ने कुमार के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच की और बाद में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।

आदेश में कहा गया है कि सतर्कता निदेशक ने सरकार को सूचित किया था कि कुमार, कारागार और सुधार सेवा विभाग में एक महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत हैं और उनके सेवा में बने रहने से जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

इस सिफारिश के आधार पर, सरकार ने जांच पूरी होने तक उन्हें निलंबित करने का आदेश दिया।

आदेश में कहा गया, ‘‘सिफारिश पर विचार करते हुए, जेल उप महानिरीक्षक एम. के. विनोद कुमार को सेवा से निलंबित किया जाता है।’’

वीएसीबी की विशेष जांच इकाई-I द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, कुमार ने एक मार्च 2024 से 15 नवंबर 2025 के बीच कैदियों तथा उनके रिश्तेदारों से कथित तौर पर पैरोल और जेल के अंदर अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करने के लिए 1.80 लाख रुपये प्राप्त किए।

प्राथमिकी के अनुसार, कुमार अपराधियों और कैदियों के सहयोगियों के संपर्क में थे तथा उन्होंने कथित तौर पर ‘गूगल पे’ के माध्यम से अपनी पत्नी सहित रिश्तेदारों के खातों में रिश्वत स्वीकार की थी।

प्राथमिकी में कहा गया है कि इन भुगतानों के आधार पर तिरुवनंतपुरम, विय्यूर और कन्नूर की केंद्रीय जेलों, विय्यूर की उच्च सुरक्षा जेल और अन्य जेलों में बंद कैदियों को कथित तौर पर पैरोल दी गई थी।

वीएसीबी के अधिकारियों ने यह भी कहा कि एक विशेष प्रकोष्ठ ने कुमार के खिलाफ उनकी ज्ञात आय के स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में एक अलग मामला दर्ज करने के लिए प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।

भाषा यासिर पवनेश

पवनेश