केरल सरकार ने केंद्र को चुनौती दी, आईएफएफके की सभी फिल्मों के प्रदर्शन का आदेश दिया

केरल सरकार ने केंद्र को चुनौती दी, आईएफएफके की सभी फिल्मों के प्रदर्शन का आदेश दिया

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  • Publish Date - December 17, 2025 / 12:23 AM IST,
    Updated On - December 17, 2025 / 12:23 AM IST

तिरुवनंतपुरम, 16 दिसंबर (भाषा) भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए केरल में वामपंथी सरकार ने मंगलवार को आईएफएफके के आयोजकों को कार्यक्रम के लिए चयनित सभी फिल्मों को प्रदर्शित करने का निर्देश दिया। केंद्र ने 12 से अधिक फिल्मों के प्रदर्शन के लिए मंजूरी देने से कथित तौर पर इनकार कर दिया था।

मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन और केरल चलचित्र अकादमी ने कहा कि केंद्र से मंजूरी मिली हो या न मिली हो, सभी फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।

विजयन ने ‘फेसबुक’ पर एक पोस्ट में केरल अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफके) के 30वें संस्करण में प्रदर्शित होने वाली कई फिल्मों को केंद्र द्वारा मंजूरी न दिए जाने को ‘‘अस्वीकार्य’’ बताया।

उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म समारोह में सेंसरशिप ‘‘संघ परिवार शासन के अधिनायकवादी शासन का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब है, जो देश में विविध आवाजों और रचनात्मक अभिव्यक्तियों को दबाता है।’’

इससे पहले, केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष रेसुल पूकुट्टी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आईएफएफके में एक दर्जन से अधिक फिल्मों के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दिए जाने के बावजूद इन्हें दिखाने का निर्णय लिया गया है।

केरल अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफके) यहां 12 से 19 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है।

रसूल पूकुट्टी ने एक वीडियो संदेश में कहा, ”आईएफ़एफ़के में फ़िल्मों के प्रदर्शन को लेकर उठे तमाम विवादों पर विराम लगाते हुए मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि केरल सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार फ़िल्मों के सभी निर्धारित शो तय कार्यक्रम के मुताबिक़ आयोजित किए जाएंगे। सिनेमा जिंदाबाद।”

सूत्रों के अनुसार, ‘‘केरल की वाम सरकार द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव करने का फैसला लिए जाने के बाद अकादमी ने यह निर्णय लिया है। लगभग 15 फ़िल्मों को दिखाने के लिए आधिकारिक सेंसर छूट प्राप्त करने में देरी हुई थी। इन फिल्मों में कुछ फ़िल्में फलस्तीन संघर्ष से संबंधित हैं और सर्गेई आइज़ेनस्टीन की 100 साल पुरानी क्लासिक फ़िल्म ‘बैटलशिप पोटेम्किन’ भी शामिल है।”

इससे पहले केंद्र सरकार से प्रदर्शन की मंजूरी का इंतजार कर रही 19 फिल्मों में से चार को आधिकारिक सेंसरशिप से छूट मिल गई। आईएफएफके के 30वें संस्करण में इन फिल्मों को प्रदर्शित करने की अनुमति प्राप्त करने के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ वार्ता की गई थी।

भाषा

शफीक देवेंद्र

देवेंद्र