चेन्नई में लिथियम-आयन बैटरी निर्माण सुविधा तैयार; आयात पर निर्भरता कम होगी: कलाइसेल्वी

चेन्नई में लिथियम-आयन बैटरी निर्माण सुविधा तैयार; आयात पर निर्भरता कम होगी: कलाइसेल्वी

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  • Publish Date - June 27, 2025 / 05:41 PM IST,
    Updated On - June 27, 2025 / 05:41 PM IST

नयी दिल्ली, 27 जून(भाषा) वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की महानिदेशक एवं प्रख्यात वैज्ञानिक एन कलाइसेल्वी ने शुक्रवार को बताया कि चेन्नई में लिथियम-आयन बैटरी सुविधा का निर्माण पूरा कर लिया गया है और इससे लिथियम बैटरियों के आयात पर भारत की निर्भरता कम करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

कलाइसेल्वी ने पीटीआई वीडियो से बातचीत में कहा,‘‘ सीएसआईआर की इस पहल से लिथियम बैटरियों के आयात पर भारत की निर्भरता कम करने में मदद मिल सकती है।’’

सीएसआईआर की महानिदेशक कलाइसेल्वी ने कहा, ‘‘अभी तक भारत लिथियम आयन बैटरी का आयात मुख्य रूप से चीन, जापान और दक्षिण कोरिया से करता रहा है, क्योंकि देश में अभी भी इनकी मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त उत्पादन नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि चेन्नई में लिथियम-आयन बैटरी सुविधा का निर्माण पूरा होने से लिथियम बैटरियों के आयात पर भारत की निर्भरता कम करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

लिथियम-आयन बैटरियां उच्च क्षमता बिजली भंडारण के लिए उपयुक्त हैं, इसलिए इनका उपयोग विभिन्न अनुप्रयोगों में किया जाता है, जिनमें उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे स्मार्टफोन और पीसी, औद्योगिक रोबोट, उत्पादन उपकरण और ऑटोमोबाइल शामिल हैं।

भारत में फरवरी 2023 में लिथियम का पहला भंडार जम्मू-कश्मीर में मिला था। प्रदेश के रियासी जिले में 5.9 मिलियन टन लिथियम का भंडार खोजा गया।

इसके बाद राजस्थान के नागौर के डेगाना में भी लीथियम के भंडार का पता लगाया गया।

एक सवाल पर लिथियम आयन बैटरी के महत्व को रेखांकित करते हुए सीएसआईआर की महानिदेशक ने कहा, ‘शुरू में हमने सोचा था कि सोडियम आयन बैटरियों का उपयोग हम उपभोक्ता बाजार में और लिथियम बैटरी का उपयोग ई-मोबिलिटी के लिए करेंगे। लेकिन अब हम दोनों बैटरियों पर समान महत्व के साथ विचार कर रहे हैं।’

भाषा दीपक

नरेश

नरेश