एम जे अकबर ने साफ-सुथरी छवि के साथ अदालत का रुख नहीं किया: ‘मीटू’ मामले में रमानी ने लगाया आरोप

एम जे अकबर ने साफ-सुथरी छवि के साथ अदालत का रुख नहीं किया: ‘मीटू’ मामले में रमानी ने लगाया आरोप

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  • Publish Date - December 18, 2020 / 12:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) पत्रकार प्रिया रमानी ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत में आरोप लगाया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि की अपनी शिकायत में साफ-सुथरी छवि के साथ अदालत का रुख नहीं किया।

अकबर द्वारा रमानी के खिलाफ दायर शिकायत की अंतिम सुनवाई के दौरान उन्होंने (रमानी ने) यह दलील दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यौन उत्पीड़न का उन पर आरोप लगाए जाने को लेकर कथित मानहानि की यह शिकायत दायर की थी। वहीं, रमानी के मुताबिक यह कथित घटना 20 साल पहले की है।

रमानी का प्रतिनिधित्व कर रही वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने कहा कि अकबर के खिलाफ उनके(रमानी के) आरोप, जो 2018 में सोशल मीडिया पर चली ‘मीटू’ मुहिम के मद्देनजर लगाए गऐ थे, उनकी सच्चाई हैं और यह लोगों के भले के लिए लगाए गए।

उन्होंने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार के समक्ष कहा, ‘‘एक व्यक्ति जो कि एक वरिष्ठ संपादक थे और उस वक्त मंत्री थे, क्या यह कहने का उनका कोई दायित्व नहीं था कि उनके खिलाफ अन्य आरोप भी हैं, और प्रिया रमानी के साथ हुई घटना कोई अलग-थलग घटना नहीं है…। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि रमानी के अलावा किसी अन्य ने अकबर के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाए थे। तब तक गजाला वहाब ने अपने अनुभव के बारे में लिख दिया था। ट्विटर पर 15 महिलाओं ने बोला था। ’’

उन्होंने कहा कि ये महिलाएं एक-दूसरे को जानती तक नहीं थी।

रमानी की वकील ने कहा, ‘‘अन्य महिलाओं के आरोपों का जिक्र करने में श्रीमान अकबर के नाकाम रहे और यह मान लिया गया कि सिर्फ रमानी के बयान से उनकी मानहानि हुई…अकबर ने साफ-सुथरी छवि के साथ अदालत का रुख नहीं किया…। ’’

वहीं, अकबर ने सभी आरोपों से इनकार किया है।

भाषा

सुभाष मनीषा माधव

माधव