यौन हमले पर बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार अपील दायर करेः एनसीपीसीआर

यौन हमले पर बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार अपील दायर करेः एनसीपीसीआर

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  • Publish Date - January 25, 2021 / 01:04 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:00 PM IST

नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) देश में बाल अधिकारों की शीर्ष संस्था एनसीपीसीआर ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ तत्काल अपील दायर करे जिसमें कहा गया है कि किसी नाबालिग को निर्वस्त्र किए बिना, उसके वक्षस्थल को छूना, यौन हमला नहीं कहा जा सकता।

महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में राष्ट्रीय बल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की प्रमुख प्रियंका कानूनगो ने कहा कि फैसले के ‘शारीरिक संसर्ग के बिना, यौन मंशा से त्वचा के त्वचा से संपर्क’ जैसे शब्दों की समीक्षा की जाने की भी जरूरत है और राज्य को इसका संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि यह मामले में नाबालिग पीड़िता के प्रति अपमानजनक लगता है।

बंबई उच्च न्यायालय ने 19 जनवरी के अपने फैसले में कहा था कि किसी नाबालिग को निर्वस्त्र किए बिना, उसके वक्षस्थल को छूना, यौन हमला नहीं कहा जा सकता। इस तरह का कृत्य पोक्सो अधिनियम के तहत यौन हमले के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता ।

बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ की न्यायमूर्ति पुष्पा गनेडीवाला ने कहा कि यौन हमले का कृत्य माने जाने के लिए ‘‘यौन मंशा से त्वचा से त्वचा का संपर्क होना’’ जरूरी है।

इस फैसले पर देशभर के बाल अधिकार संस्थाओं और कार्यकर्ताओं ने नाखुशी जताई है।

एनसीपीआर प्रमुख ने कहा कि ऐसा लगता है पीड़िता की पहचान जाहिर की गई है और आयोग का मानना है कि राज्य को इसका संज्ञान लेना चाहिए तथा जरूरी कदम उठाने चाहिए।

कानूनगो ने कहा, ‘ मामले की गंभीरता पर विचार करते हुए, और आयोग पोक्सो अधिनियम 2012 की धारा 44 के तहत निगरानी निकाय होने के नाते आपसे अनुरोध करता है कि इस मामले में जरूरी कदम उठाएं और माननीय उच्च न्यायालय के उक्त विवादित फैसले के खिलाफ तत्काल अपील दायर करें। ‘

उन्होंने कहा, ‘ आपसे अनुरोध किया जाता है कि नाबालिग पीड़िता का विवरण (सख्त गोपनीयता बनाए रखते हुए) उपलब्ध कराएं ताकि आयोग कानूनी सहायता जैसी मदद मुहैया करा सके।’

भाषा

नोमान नरेश

नरेश