रांची, एक दिसंबर (भाषा) अखिल भारतीय महिला कांग्रेस (एआईएमसी) की अध्यक्ष अलका लांबा ने सोमवार को कहा कि देश भर से पार्टी कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता और संवैधानिक अधिकारों के समर्थक 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में कथित वोट चोरी और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए एकत्र होंगे।
लांबा झारखंड महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रमा खलको के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रांची आई थीं। रमा खलको रांची की पूर्व उप महापौर हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमारी रैली के दौरान संसद सत्र चल रहा होगा। सत्र सोमवार को शुरू हुआ और 19 दिसंबर तक चलेगा। इस रैली के माध्यम से हम संविधान और लोकतंत्र के प्रति सरकार की जवाबदेही तय करना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा कि एसआईआर पर कांग्रेस का दृष्टिकोण स्पष्ट है। लांबा ने दावा किया, ‘एसआईआर हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है। यह दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों सहित गैर-भाजपा मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाने की एक सुनियोजित साजिश है।’
उन्होंने कहा कि एसआईआर अभ्यास 12 राज्यों में चल रहा है, तथा बूथ स्तर के अधिकारी भारी दबाव में हैं और ‘कई ने आत्महत्या कर ली है।’
उन्होंने कहा, ‘हमारे नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने एसआईआर और अन्य ज्वलंत मुद्दों पर संसद के अंदर और सड़कों पर लड़ने का फैसला किया है।’
बिहार का जिक्र करते हुए लांबा ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले मतदाता सूची से लगभग 65 लाख नाम हटा दिए गए।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘बिहार में राजद को सबसे ज्यादा वोट मिले, लेकिन उसकी सीटें बहुत कम रहीं। चुनाव आयोग भाजपा की चुनावी मशीन बन गया है।’
उन्होंने दावा किया कि झारखंड में गठबंधन सरकार ने महिलाओं से किये गये अपने वादे पूरे किये हैं।
उन्होंने कहा, ‘राज्य की लगभग 50 लाख महिलाओं को 2,500 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इसी तरह, हम कर्नाटक और तेलंगाना में भी महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं।’
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों (दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम) में सरकार ने महिला मतदाताओं को धोखा दिया है।
भाषा तान्या नरेश
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