Major incidents of stampede in India: भारत में भगदड़ की प्रमुख घटनाएं, साल 2025 में नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर दूसरी बड़ी घटना

Major incidents of stampede in India: नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात में मची भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ की यह घटना उस समय हुई जब महाकुंभ जाने के लिए बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पर इकट्ठा हुए थे।

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  • Publish Date - February 16, 2025 / 04:34 PM IST,
    Updated On - February 16, 2025 / 05:49 PM IST

Major incidents of stampede in India, image source: Hansraj Meena

HIGHLIGHTS
  • हाल के वर्षों में देश में हुईं ऐसी प्रमुख त्रासदियों की जानकारी 
  • 29 जनवरी को महाकुंभ के संगम क्षेत्र में भगदड़ में 30 लोग मारे गए
  • स्वयंभू भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत

नयी दिल्ली: Major incidents of stampede in India, नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात में मची भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ की यह घटना उस समय हुई जब महाकुंभ जाने के लिए बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पर इकट्ठा हुए थे।

इस दुखद घटना के पहले भी भगदड़ के कारण अनेक लोग हताहत हुए हैं। कुछ सप्ताह पहले प्रयागराज में महाकुंभ में भी भगदड़ मची थी। 29 जनवरी को महाकुंभ के संगम क्षेत्र में भगदड़ में 30 लोग मारे गए और 60 घायल हो गए, जब श्रद्धालु मौनी अमावस्या के अवसर पर स्नान करने के लिए इकट्ठा हुए थे।

पिछले साल दो जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई थी जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।

इसी प्रकार, 2005 में महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में 340 से अधिक श्रद्धालु मारे गए तथा 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में कम से कम 250 श्रद्धालु मारे गए। 2008 में हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में एक धार्मिक सभा में भगदड़ मचने से 162 लोगों की जान चली गई।

Major incidents of stampede in India, हाल के वर्षों में देश में हुईं ऐसी प्रमुख त्रासदियों की जानकारी

-दो जुलाई 2024: उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू भोले बाबा उर्फ ​नारायण साकार हरि द्वारा आयोजित ‘सत्संग’ में भगदड़ मचने से महिलाओं और बच्चों सहित 100 से अधिक लोग मारे गए।

-31 मार्च, 2023: इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन ‘बावड़ी’ या कुएं के ऊपर बने स्लैब के ढह जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई।

-एक जनवरी, 2022: जम्मू-कश्मीर में प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए।

-14 जुलाई, 2015: आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में ‘पुष्करम’ उत्सव के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ मचने से 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए।

-तीन अक्टूबर, 2014: दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद पटना के गांधी मैदान में भगदड़ मचने से 32 लोग मारे गए और 26 अन्य जख्मी हो गए।

-13 अक्टूबर, 2013: मध्यप्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 115 लोग मारे गए और 100 से ज़्यादा घायल हो गए। भगदड़ की शुरुआत इस अफवाह के कारण हुई कि श्रद्धालु जिस नदी के पुल को पार कर रहे थे, वह टूटने वाला है।

Major incidents of stampede in India

-19 नवम्बर, 2012: पटना में गंगा नदी के तट पर अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से मची भगदड़ में लगभग 20 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।

– आठ नवम्बर, 2011: हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हर-की-पौड़ी घाट पर भगदड़ में कम से कम 20 लोग मारे गए।

-14 जनवरी 2011: केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में एक जीप के तीर्थयात्रियों को टक्कर मार देने के कारण मची भगदड़ में सबरीमला के कम से कम 104 श्रद्धालु मारे गए और 40 से अधिक घायल हो गए।

-चार मार्च, 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ में लगभग 63 लोग मारे गए। लोग स्वयंभू बाबा से मुफ्त कपड़े और भोजन लेने के लिए एकत्र हुए थे।

-30 सितम्बर, 2008: राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह के कारण मची भगदड़ में लगभग 250 श्रद्धालु मारे गए और 60 से अधिक घायल हो गए।

-तीन अगस्त, 2008: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान खिसकने की अफवाह के कारण मची भगदड़ में 162 लोग मारे गए, 47 घायल हुए।

-25 जनवरी, 2005: महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालुओं की कुचल जाने की वजह से मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए। यह दुर्घटना उस समय घटित हुई जब कुछ श्रद्धालुओं द्वारा नारियल तोड़ने के कारण सीढ़ियों पर फिसलन हो गई और लोग गिर गए।

-27 अगस्त, 2003: महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान भगदड़ में 39 लोग मारे गए और लगभग 140 घायल हो गए।

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1. भगदड़ क्यों मचती है और इसके मुख्य कारण क्या होते हैं?

भगदड़ आमतौर पर भीड़ के अनियंत्रित हो जाने, अफवाहों के फैलने, सुरक्षा व्यवस्था में कमी, आपातकालीन निकासी के अभाव, और अचानक घबराहट के कारण होती है। धार्मिक स्थलों, मेलों, और बड़े आयोजनों में भीड़ नियंत्रण की कमी से ऐसी घटनाएं अधिक होती हैं।

2. भारत में अब तक की सबसे घातक भगदड़ कौन-सी रही है?

2005 में महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में मची भगदड़ सबसे घातक रही, जिसमें 340 से अधिक श्रद्धालु मारे गए। इसके अलावा, 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में 250 लोगों की मौत और हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में 162 श्रद्धालुओं की मौत बड़ी घटनाओं में शामिल हैं।

3. धार्मिक आयोजनों में भगदड़ को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं?

भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती, बैरिकेडिंग, एकतरफा यातायात प्रबंधन, CCTV निगरानी, आपातकालीन निकासी मार्गों की योजना, और लोगों को सचेत करने के लिए घोषणाओं व साइनबोर्ड्स का उपयोग किया जाता है।

4. भगदड़ के दौरान खुद को सुरक्षित रखने के लिए क्या करना चाहिए?

यदि भगदड़ मचे तो घबराएं नहीं, भीड़ की दिशा में चलते रहें, ज़मीन पर गिरने से बचें, अपने हाथों को छाती के पास रखें, किसी ठोस चीज़ को पकड़ने की कोशिश करें और सांस लेने के लिए जगह बनाए रखें।