‘मुझे भारत का राष्ट्रपति बनाया जाए और 2004 से वेतन और भत्ते दिए जाए’ शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

Make Me President of India शख्स ने खुद को भारत का राष्ट्रपति बनाने की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने शख्स की याचिका को खारिज कर दिया है

  •  
  • Publish Date - October 22, 2022 / 01:18 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

SC decision on OBC reservation

नई दिल्लीः Make Me President of India सुप्रीम कोर्ट के जज उस वक्त हैरान रह गए जब एक शख्स की अजीबोगरीब याचिका सामने आई। शख्स ने अपने याचिका में खुद को भारत का राष्ट्रपति बनाने की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने शख्स की याचिका को खारिज कर दिया है साथ ही फटकार भी लगाई है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने रजिस्ट्री से कहा कि वह ’उसकी याचिका पर विचार न करे। साथ ही कोर्ट ने याचिका को ‘महत्वहीन’ और ’अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोगष् करने वाला बताया।

Read More: 6 हजार रुपए से भी कम कीमत में मिल रहा है 35 हजार का ये शानदार स्मार्टफोन, खरीदने के लिए मची होड़ 

Make Me President of India मिली जानकारी के अनुसार याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया था कि उसे भारत के राष्ट्रपति पद के लिए ‘निर्विवाद उम्मीदवार’ बनाने का निर्देश दिया जाए और वर्ष 2004 से वेतन और भत्ते दिए जाएं क्योंकि उसे नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं दी गई थी।

Read More: केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने दी मंजूरी, जल्द बनेगा हाथी अभयारण्य… 

पिछले 20 वर्षों से पर्यावरणविद् होने का दावा करने वाले किशोर जगन्नाथ सावंत द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि उन्हें हालिया राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई। सावंत शीर्ष अदालत के सामने पेश हुए और कहा कि उन्हें सरकार की नीतियों से लड़ने का पूरा अधिकार है। व्यक्ति की याचिका में तीन बिंदु शामिल थे। पहला – 2022 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए उन्हें एक निर्विवाद उम्मीदवार के रूप में मानने का निर्देश दिया जाए। दूसरा- भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनकी नियुक्ति के लिए निर्देश दिया जाए। तीसरा- 2004 से पहले के राष्ट्रपतियों को दी गई सैलरी ही दी जाए। व्यक्ति ने बेंच को उसकी याचिका पर विचार करने के लिए श्रीलंका की स्थिति का हवाला दिया जहां पूर्व राष्ट्रपति को लोगों के विरोध के आगे झुकना पड़ा।

Read More: PM मोदी ने किया रोजगार मेले का शुभारंभ, 75 हजार लोगों को सौंपे नियुक्ति पत्र

याचिकाकर्ता ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि अदालत मुझे अपना मामला रखने देगी और सरकार को यह एहसास कराएगी कि वे कहां गलत हैं। लोग बुनियादी चुनाव लड़ने से भी वंचित हैं।श् इस पर, शीर्ष अदालत ने कहा कि यह एक बेहदी याचिका है। भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, आपने भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ किस तरह के अपमानजनक आरोप लगाए हैं? शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता अपने विशेष ज्ञान के आधार पर भाषण दे सकता है, लेकिन ऐसी याचिका दायर करना कोई तरीका नहीं है। पीठ ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को कहा कि वह भविष्य में इस विषय पर सावंत की कोई याचिका स्वीकार नहीं करे।

 

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक