अतिक्रमण और तुष्टिकरण को बढ़ावा देकर बंगाल के भविष्य से समझौता कर रही हैं ममता बनर्जी : हिमंत

अतिक्रमण और तुष्टिकरण को बढ़ावा देकर बंगाल के भविष्य से समझौता कर रही हैं ममता बनर्जी : हिमंत

अतिक्रमण और तुष्टिकरण को बढ़ावा देकर बंगाल के भविष्य से समझौता कर रही हैं ममता बनर्जी : हिमंत
Modified Date: July 19, 2025 / 06:14 pm IST
Published Date: July 19, 2025 6:14 pm IST

गुवाहाटी, 19 जुलाई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सत्ता में बने रहने के लिए एक ‘‘विशेष समुदाय’’ द्वारा अतिक्रमण को बढ़ावा देकर और उसका तुष्टिकरण करके अपने राज्य के भविष्य से समझौता करने का आरोप लगाया।

शर्मा ने कहा कि असम में कोई भाषाई विभाजन नहीं है और उनकी सरकार राज्य की विरासत और उसके लोगों को संरक्षित करने के लिए संघर्ष करती रहेगी।

भाजपा नेता शर्मा ने यह बात बनर्जी की उस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कही, जिसमें उन्होंने असम सरकार पर बांग्ला भाषी लोगों को ‘‘धमकाने’’ और भाजपा पर ‘‘विभाजनकारी एजेंडे’’ पर काम करने का आरोप लगाया था।

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बनर्जी के पोस्ट का जवाब देते हुए शर्मा ने लिखा, ‘‘दीदी, मैं आपको याद दिला दूं – असम में हम अपने ही लोगों से नहीं लड़ रहे हैं। हम सीमा पार से अनियंत्रित मुस्लिम घुसपैठ का निडरता से विरोध जारी रखे हुए हैं, जिसने पहले ही खतरनाक जनसांख्यिकीय बदलाव ला दिया है।’’

उन्होंने कहा कि कई जिलों में हिंदू अब अपनी ही जमीन पर अल्पसंख्यक बनने की कगार पर हैं। शर्मा ने दावा किया कि यह कोई राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि एक हकीकत है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने इस तरह की घुसपैठ को बाहरी आक्रमण करार दिया है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘और फिर, जब हम अपनी जमीन, संस्कृति और पहचान की रक्षा के लिए उठते हैं, तो आप उसका राजनीतिकरण करने का चयन करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों को भाषा या धर्म के आधार पर नहीं बांटते। असमिया, बांग्ला, बोडो, हिंदी – सभी भाषाएं और समुदाय यहां सह-अस्तित्व में रहे हैं। लेकिन कोई भी सभ्यता जीवित नहीं रह सकती, अगर वह अपनी सीमाओं और अपनी सांस्कृतिक नींव की रक्षा करने से इनकार कर दे।’’

शर्मा ने दावा किया कि असम सरकार राज्य की पहचान को बनाए रखने के लिए ‘निर्णायक रूप से कार्य’ कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘दीदी आपने, सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए- एक विशेष समुदाय द्वारा अतिक्रमण को प्रोत्साहित किया, वोट बैंक के लिए एक धार्मिक समुदाय को खुश किया और सीमा पर घुसपैठ के बावजूद चुप रहीं, जो राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचा रहा है – यह सब करके बंगाल के भविष्य के साथ समझौता किया है।’’

उन्होंने कहा कि असम अपनी विरासत, अपनी गरिमा और अपने लोगों की रक्षा के लिए संघर्ष करता रहेगा।

शर्मा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि बनर्जी को केवल बांग्ला भाषी मुसलमानों की चिंता है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी द्वारा भाजपा पर राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भाषाई पहचान को हथियार बनाने के हालिया आरोप का जवाब देते हुए शर्मा ने कहा था, ‘‘सवाल यह है कि क्या ममता बनर्जी बंगालियों को पसंद करती हैं या सिर्फ़ मुस्लिम-बंगालियों को। मेरा जवाब सिर्फ मुस्लिम-बंगाली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह मुस्लिम-बंगालियों के लिए असम आती हैं, तो असमिया लोग और हिंदू-बंगाली उन्हें नहीं छोड़ेंगे।’’

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी केंद्र और भाजपा शासित राज्यों पर बांग्ला भाषी प्रवासियों को ‘अवैध बांग्लादेशी या रोहिंग्या’ बताकर व्यवस्थित रूप से निशाना बनाने का आरोप लगाती रही हैं।

बनर्जी ने भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों पर कथित अत्याचार के खिलाफ बुधवार को कोलकाता में एक विरोध मार्च भी निकाला था।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप


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