इंफाल, 11 सितंबर (भाषा) मणिपुर सरकार ने राज्य में नगाओं के शीर्ष संगठन यूनाइटेड नगा काउंसिल से नगा बहुल क्षेत्रों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी वापस लेने का अनुरोध किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
मणिपुर के मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल ने बुधवार को ‘यूनाइटेड नगा काउंसिल’ (यूएनसी) के अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि गृह मंत्रालय नगा बहुल क्षेत्रों में भारत और म्यांमा के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने के मुद्दे पर यूएनसी के साथ बातचीत कर रहा है।
गोयल ने कहा, ‘‘इस संबंध में सूचित किया जाता है कि केंद्र सरकार ने यूएनसी और अन्य हितधारकों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर ध्यान दिया है। तदनुसार, केंद्र सरकार बाड़ लगाने का काम शुरू करने से पहले यूएनसी और अन्य हितधारकों के साथ पूर्व परामर्श के लिए बातचीत कर रही है और करती रहेगी। यूएनसी के साथ अगली त्रिपक्षीय बैठक पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख और स्थान पर आयोजित की जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके मद्देनजर यह अनुरोध किया जाता है कि इस संबंध में किसी भी प्रकार का आंदोलन व्यापक जनहित में वापस ले लिया जाए।’’
यह अनुरोध यूएनसी द्वारा भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने के कार्य और मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को समाप्त करने के विरोध में राष्ट्रीय राजमार्गों पर अनिश्चितकालीन ‘व्यापार प्रतिबंध’ शुरू करने के दो दिन बाद किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यूएनसी नेताओं ने आठ सितंबर को मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के नेतृत्व वाली टीम से मुलाकात की। नगा नेताओं से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया।
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि नगा बहुल क्षेत्रों में नाकेबंदी के कारण आवश्यक वस्तुओं से लदे 100 से अधिक ट्रक और ईंधन टैंकर सेनापति और तामेंगलोंग जिले में एनएच-2 (इंफाल दीमापुर) और एनएच-37 (इंफाल से सिलचर) पर फंसे हुए हैं।
‘व्यापार प्रतिबंध’ के कारण असम की सीमा से लगे जिरीबाम से 70 से अधिक ट्रक आगे नहीं जा सके।
पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि आवश्यक वस्तुओं से लदे कई ट्रकों को मणिपुर के सीमावर्ती शहर सेनापति जिले के माओ गेट से नगालैंड की ओर वापस भेज दिया गया।
भाषा गोला मनीषा
मनीषा