इंफाल, 22 सितंबर (भाषा) मणिपुर की एक विशेष अदालत ने हथियार रखने के आरोपों में गिरफ्तार पांच ग्राम रक्षा स्वयंसेवकों को शुक्रवार को जमानत दे दी। उन लोगों की रिहाई के लिए आंदोलन किया जा रहा था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि उन लोगों को 50 हजार रुपये के जमानती बॉण्ड जमा कराने के बाद रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अदालत ने उनकी जमानत पर रिहाई के लिए जमानती बॉण्ड के अलावा कई शर्तें भी लगाई थीं।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पांचों आरोपियों को ‘जांच में सहयोग करना होगा’, जांच के लिए उपलब्ध रहना होगा और वे ‘अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे।’
अदालत ने युवाओं को ‘‘पूर्वानुमति के बिना मणिपुर नहीं छोड़ने’’ का भी निर्देश दिया।
अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजने की मणिपुर पुलिस की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि ‘‘गिरफ्तारी तक सभी आरोपियों ने अभियोजन के खिलाफ कोई भी पूर्वाग्रहपूर्ण गतिविधि नहीं की है।’’
कर्फ्यू प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए सैकड़ों महिलाएं इंफाल पश्चिम जिले के उस चीराप अदालत परिसर के सामने बैठ गईं, जहां पांचों युवकों की रिहाई की मांग को लेकर सुनवाई हो रही थी।
राज्य में बृहस्पतिवार को सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच उस वक्त व्यापक झड़पें देखी गईं थी, जब प्रदर्शनकारियों ने पांच युवकों को रिहा करने में सरकार की विफलता को लेकर ‘‘गिरफ्तारी देने’’ के लिए पुलिस थानों में घुसने का प्रयास किया।
मणिपुर पुलिस ने इन पांचों को 16 सितंबर को हथियार रखने और छद्म वर्दी पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें इंफाल पूर्व में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें शुक्रवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
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