Mann Ki Baat 124th Episode Live: ‘मन की बात’ के 124वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित कर रहे पीएम मोदी, यहां देखें लाइव
Mann Ki Baat 124th Episode Live: पीएम नरेंद्र मोदी देशवासियों से ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 124वें एपिसोड के माध्यम से संवाद कर रहे हैं।
Mann Ki Baat 124th Episode Live| Photo Credit: IBC24 File Photo
- पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 124वां संस्करण आज प्रसारित हो रहा है।
- पीएम मोदी का ये मासिक रेडियो कार्यक्रम हर महीने प्रसारित होता है।
- पीएम मोदी ने कार्यक्रम में देश की जनता से संवाद किया।
नई दिल्ली: Mann Ki Baat 124th Episode Live: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों से अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 124वें एपिसोड के माध्यम से संवाद कर रहे हैं। यह मासिक रेडियो कार्यक्रम आकाशवाणी और विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित किया जा रहा है। इसे 11 विदेशी भाषाओं में भी अनुवादित कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
भारत के साइंस की सदी है 21 वीं सदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन में आगे कहा कि, “देश के और हिस्सों में भी ऐसे ही अद्भुत क़िले हैं, जिन्होंने आक्रमण झेले, खराब मौसम की मार झेली, लेकिन आत्मसम्मान को कभी भी झुकने नहीं दिया। राजस्थान का चित्तौड़गढ़ का क़िला, कुंभलगढ़ क़िला, रणथंभौर क़िला, आमेर क़िला, जैसलमेर का क़िला तो विश्व प्रसिद्ध है। कर्नाटका में गुलबर्गा का क़िला भी बहुत बड़ा है। चित्रदुर्ग के क़िले की विशालता भी आपको कौतूहल से भर देगी कि उस जमाने में ये क़िला बना कैसे होगा।”
अगस्त का महीना क्रांति का महीना: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “”UNESCO ने 12 मराठा क़िलों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में मान्यता दी है। 11 क़िले महाराष्ट्र में, 1 क़िला तमिलनाडु में। हर क़िले से इतिहास का एक-एक पन्ना जुड़ा है। हर पत्थर, एक ऐतिहासिक घटना का गवाह है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि, “अगस्त का महीना क्रांति का महीना। 1 अगस्त को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि होती है। इसी महीने, 8 अगस्त को गांधी जी के नेतृत्व में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की शुरुआत हुई थी। फिर आता है 15 अगस्त, हमारा स्वतंत्रता दिवस, हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं, उनसे प्रेरणा पाते हैं, लेकिन साथियो, हमारी आज़ादी के साथ देश के बंटवारे की टीस भी जुड़ी हुई है, इसलिए हम 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाते हैं।”
भारत की संस्कृति को सहेजना हम सबकी ज़िम्मेदारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत की संस्कृति का बहुत बड़ा आधार हमारे त्योहार और परम्पराएं है, लेकिन हमारी संस्कृति की जीवंतता का एक और पक्ष है ये पक्ष है अपने वर्तमान और अपने इतिहास को डॉक्यूमेंट करते रहना। हमारी असली ताक़त वो ज्ञान है, जिसे सदियों से पांडुलिपियां के रूप में सहेजा गया है। इन पांडुलिपियों में विज्ञान है, चिकित्सा की पद्धतियां हैं, संगीत है, दर्शन है, और सबसे बड़ी बात वो सोच है, जो, मानवता के भविष्य को उज्ज्वल बना सकती हैं। ऐसे असाधारण ज्ञान को, इस विरासत को सहेजना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।”
पीएम मोदी ने किया ‘विश्व पुलिस और अग्निशमन खेल’ का जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन को आगे बढ़ते हुए कहा कि,, “ओलंपिक के बाद सबसे बड़ा खेल आयोजन ‘विश्व पुलिस और अग्निशमन खेल’ दुनिया-भर के पुलिसकर्मी, अग्निशमन कर्मी, सुरक्षा से जुड़े लोग उनके बीच होने वाला खेल टूर्नामेंट में भारत ने क़रीब-क़रीब 600 मेडल जीते। 71 देशों में हम शीर्ष तीन में पहुंचे। मैं सभी खिलाड़ियों और कोचिंग टीम को बधाई देता हूं।”
कचरे के प्रबंधन की नई मिसाल कायम कर रहे कीर्तिनगर के लोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “उत्तराखंड में कीर्तिनगर के लोग, पहाड़ों में कचरे के प्रबंधन की नई मिसाल कायम कर रहे हैं। ऐसे ही मेंगलुरु में तकनीक से जैविक अपशिष्ट प्रबंधन का काम हो रहा है। अरुणाचल में एक छोटा सा शहर रोइंग है। एक समय था जब यहां लोगों के स्वास्थ्य के सामने कचरे का प्रबंधन बहुत बड़ी चुनौती थी। यहां के लोगों ने इसकी जिम्मेदारी ली, ‘ग्रीन रोइंग पहल’ शुरू हुआ और फिर पुनर्चक्रित अपशिष्ट से पूरा एक पार्क बना दिया गया। ऐसे ही कराड़ में, विजयवाड़ा में, जल प्रबंधन के कई नए उदाहरण बने हैं। अहमदाबाद में नदी तट पर सफ़ाई ने भी सबका ध्यान खींचा है।”

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