Ration Card Latest News. Image Source: File
धर्मशाला: Free Ration Scheme News Today राशनकार्ड धारकों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दिए जाने वाले फ्री राशन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है।दरअसल सरकार ने अगस्त महीने में दिए जाने वाले राशन के कोटे में कटौती करने का फैसला लिया है। बातया जा रहा है कि सरकार इस बार राशनकार्ड धारकों को सिर्फ 6 किलोग्राम चावल ही प्रदान करेगी। बता दें कि सरकार ने ये फैसला सिर्फ APL राशकार्ड धारकों के लिए लिया है।
Free Ration Scheme News Today मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने पीडीएस के तहत दिए जाने वाले चावल, गेहूं, आटा और तेल का कोटा राज्यों को अलॉट कर दिया है। केंद्र की ओर से जारी कोटे में कई राशन में कटौती की गई है, जिसके अनुसार अब अगस्त महीने में एपीएल कार्ड धारकों को सिर्फ 13 किलो आटा और 6 किलो चावल ही दिया जाएगा। APL परिवारों के आटे की मात्रा में कट की वजह ट्राइबल एरिया को एडवांस में भेजी जा रही राशन की सप्लाई बताई जा रही है।
बता दें कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों के लाखों उपभोक्ताओं को बाजार से काफी सस्ती दर पर राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे महंगाई के इस दौर में लाखों परिवारों को राहत मिल रही है। ऐसे में राशन की मात्रा में कमी किए जाने से लाखों परिवारों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। केंद्र से हर महीने सस्ते राशन की एलोकेशन होती है। इसके तहत केंद्र ने अगस्त महीने के लिए राशन का आवंटन कर दिया है।
प्रदेश के सभी वर्गों के उपभोक्ताओं के लिए केंद्र ने अगले महीने के लिए कुल 42,334 मीट्रिक टन राशन का आवंटन किया है। इसमें 26,850 मीट्रिक टन गेहूं और 15,484 मीट्रिक टन चावल का आवंटन हुआ है। वहीं, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने इस महीने से ट्राइबल एरिया के लिए सर्दियों का कोटा एडवांस में भेजना शुरू कर दिया है।
Free Ration Scheme News Today ऐसे में विभाग ने इसी हिसाब से डिपो के जरिए APL परिवारों को दिए जाने वाले आटे और चावल का स्केल तय कर दिया है, जिसमें अगस्त महीने में नॉन ट्राइबल क्षेत्रों में APL परिवारों को 13 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति राशन कार्ड दिया जाएगा। वहीं, ट्राइबल एरिया में APL परिवारों को 20 किलो आटा और 15 किलो चावल प्रति राशन कार्ड के हिसाब से दिया जाएगा। वहीं, प्रदेश में NFSA के तहत दिए जाने वाले राशन की मात्रा पहले से ही निर्धारित है। इसमें हर महीने किसी भी तरह का फेरबदल नहीं किया जाता है।