मारिया ब्रान्यास मोरेरा : दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला, जीती रहो!

मारिया ब्रान्यास मोरेरा : दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला, जीती रहो!

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  • Publish Date - January 22, 2023 / 01:00 PM IST,
    Updated On - January 22, 2023 / 01:00 PM IST

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज करवाने के लिए लोग भले ऐड़ी चोटी का जोर लगाते हों, लेकिन स्पेन की मारिया ब्रान्यास मोरेरा को सिर्फ जिंदा रहने के लिए इस प्रतिष्ठित रिकॉर्ड बुक में जगह मिल गई है।

मोरेरा का नाम दुनिया के सबसे उम्रदराज व्यक्ति के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है और 21 जनवरी 2023 को उनकी आधिकारिक उम्र 115 साल 323 दिन दर्ज की गई। 2019 में आई कोविड की महामारी के समय इस बात का जिक्र बार-बार आता था कि 100 बरस पहले 1918 में भी फलू की शक्ल में इसी तरह की महामारी आई थी, और मोरेरा उसकी गवाह रही हैं। उन्होंने दोनों विश्वयुद्ध और स्पेन का गृह युद्ध देखा है तथा 2019 में ही कोविड को सफलतापूर्वक हरा चुकी हैं।

हमारे देश में आशीर्वाद के तौर पर ‘‘जुग-जुग जीओ’’ का आशीर्वाद देने की परंपरा रही है, लेकिन यह आशीर्वाद कम ही लोगों पर फलीभूत होता है। हां आजादी से पहले जन्म लेने वाले लोग, जो अब तक जीवित हैं, खुद को लंबी उम्र का कह सकते हैं, लेकिन मोरेरा की उम्र के बारे में क्या कहेंगे, जो चार मार्च 1907 को सान फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में पैदा हुई थीं और दोनों विश्वयुद्ध सहित पिछली एक शताब्दी से ज्यादा समय की घटनाओं की साक्षी रही हैं।

मोरेरा के तमाम दस्तावेज की जांच करने के बाद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ने अपनी वेबसाइट पर इस आशय की घोषणा करते हुए उन्हें ‘‘दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला और सबसे बड़ी उम्र का जीवित व्यक्ति’’ करार दिया। उनसे पहले यह दर्जा फ्रांस की लुसिल रैंडन के पास था, जिनका 17 जनवरी को 118 साल और 340 दिन की उम्र में निधन हो गया।

मोरेरा का जन्म सान फ्रांसिस्को में हुआ, क्योंकि उनका परिवार उनके जन्म से कुछ समय पहले मेक्सिको से अमेरिका चला गया था। मोरेरा के जन्म के कुछ ही समय बाद परिवार ने अपने देश स्पेन वापस जाने का फैसला किया। वह 1915 का समय था, पहला विश्वयुद्ध शुरू हो चुका था, जिसकी वजह से अटलांटिक से होकर गुजरने वाला उनका जहाज मुश्किलों में घिर गया।

इस दौरान एक हादसा हुआ और स्पेन पहुंचने से पहले ही मोरेरा के पिता की मौत हो गई। इससे भी दुखद बात यह हुई कि उनके ताबूत को जहाज पर रखना संभव नहीं था, लिहाजा उसे समुद्र में ही डाल दिया गया।

मोरेरा और उनकी मां बार्सिलोना में बस गईं। 1931 में मोरेरा ने एक डॉक्टर से विवाह कर लिया। उनके विवाह के पांच वर्ष बाद स्पेन का विश्व प्रसिद्ध गृहयुद्ध शुरू हुआ, जो तकरीबन तीन बरस चला।

उनका वैवाहिक जीवन चार दशक का रहा। 72 साल की उम्र में उनके पति की मौत हो गई। उनके तीन बच्चे हुए, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है। उनके 11 पोते-पोतियां और 11 पड़पोते- पड़पोतियां हैं।

मोरेरा की सबसे छोटी बेटी 78 वर्ष की हैं। उन्होंने अपनी मां की लंबी उम्र का श्रेय उनके अनुवांशिक गुणों को दिया। उनके अनुसार मोरेरा कभी अस्पताल में भर्ती नहीं हुईं। कोविड होने पर भी उन्होंने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था और सामान्य दिनचर्या से बीमारी को मात देने में कामयाब रहीं।

दुनिया में ऐसा कोई शख्स नहीं जो मोरेरा को लंबी उम्र का आशीर्वाद दे सके क्योंकि उसके लिए उस व्यक्ति का मोरेरा से बड़ा होना जरूरी है और इस पूरी कायनात में मोरेरा से बड़ा तो कोई इंसान है ही नहीं। ऐसे में उन्हें दुआ दे सकते हैं, ‘‘जीती रहो!’’

भाषा एकता

एकता नेत्रपाल

नेत्रपाल