आइजोल, नौ फरवरी (भाषा) मिजोरम और असम लंबे समय से लंबित अंतरराज्यीय सीमा विवाद को सुलझाने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास करने पर शुक्रवार को सहमत हो गए। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार सुबह अपने मिजोरम के समकक्ष लालदुहोमा को भोजन पर आमंत्रित किया और दोनों नेताओं ने सीमा विवाद मुद्दे पर चर्चा की। लालदुहोमा इस समय गुवाहाटी में हैं।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, बैठक के दौरान लालदुहोमा और शर्मा ने दोनों पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सामूहिक प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेता तब तक सीमाओं पर शांति बनाए रखने पर भी सहमत हुए, जब तक दोनों पड़ोसी राज्य सीमा विवाद के मुद्दे पर वार्ता करते रहेंगे।
शर्मा ने लालदुहोमा से कहा कि असम विधानसभा का मौजूदा बजट सत्र समाप्त होने पर वह अपने सीमा प्रभारी मंत्री को मिजोरम भेजेंगे।
मिजोरम के तीन जिले – आइजोल, कोलासिब और ममित – असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।
दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद एक लंबे समय से चला आ रहा मुद्दा है, जो मुख्य रूप से दो औपनिवेशिक सीमांकन से उत्पन्न हुआ है।
मिजोरम का दावा है कि बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईएफआर), 1873 के तहत 1875 में अधिसूचित इनर लाइन आरक्षित वन का 509 वर्ग मील क्षेत्र उसके क्षेत्र में आता है।
दूसरी ओर, असम ने 1933 में भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा तैयार किए गए मानचित्र में दिखाई गई सीमा को अपनी संवैधानिक सीमा माना है।
दोनों राज्यों के बीच सीमाओं का कोई जमीनी सीमांकन नहीं है।
मिजोरम और असम के बीच सीमा विवाद ने जुलाई 2021 में उस समय एक भयावह मोड़ ले लिया था, जब दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच अंतर-राज्यीय सीमा पर गोलीबारी हुई थी।
भाषा
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दिलीप
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