Budget 2025 : नए आयकर विधेयक को लेकर मोदी सरकार का मंथन.. बजट सत्र में कर सकती है पेश, जानें क्यों है ये जरूरी

Budget 2025 : नए आयकर विधेयक को लेकर मोदी सरकार का मंथन.. बजट सत्र में कर सकती है पेश, जानें क्यों है ये जरूरी |

Budget 2025 : नए आयकर विधेयक को लेकर मोदी सरकार का मंथन.. बजट सत्र में कर सकती है पेश, जानें क्यों है ये जरूरी

New Income Tax Bill | Source : File Photo

Modified Date: January 18, 2025 / 05:32 pm IST
Published Date: January 18, 2025 5:32 pm IST

नई दिल्ली। New Income Tax Bill : सरकार संसद के आगामी बजट सत्र में एक नया आयकर विधेयक पेश कर सकती है, जिसका उद्देश्य वर्तमान आयकर कानून को सरल बनाना, उसे समझने योग्य बनाना तथा पृष्ठों की संख्या में लगभग 60 प्रतिशत की कमी करना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई के बजट में छह महीने के भीतर छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी।

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सूत्रों के अनुसार, नया आयकर कानून संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। यह एक नया कानून होगा, न कि मौजूदा कानून में संशोधन। वर्तमान में, कानून के मसौदे पर विधि मंत्रालय विचार कर रहा है और बजट सत्र के दूसरे भाग में इसे संसद में पेश किया जा सकता है। बजट सत्र 31 जनवरी से चार अप्रैल तक चलेगा। पहला भाग (31 जनवरी-13 फरवरी) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लोकसभा और राज्य सभा के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने के साथ शुरू होगा, जिसके बाद 2024-25 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। संसद 10 मार्च को पुनः आरंभ होगी और चार अप्रैल तक चलेगी।

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आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा के लिए सीतारमण द्वारा बजट घोषणा के बाद सीबीडीटी ने समीक्षा की देखरेख करने और अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था। इससे विवाद, मुकदमेबाजी कम होगी और करदाताओं को अधिक कर निश्चितता मिलेगी। इसके अलावा, अधिनियम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए 22 विशेष उप-समितियां स्थापित की गई हैं। चार श्रेणियों – भाषा का सरलीकरण, मुकदमेबाजी में कमी, अनुपालन में कमी, तथा अनावश्यक/अप्रचलित प्रावधान में जनता से सुझाव और सूचनाएं आमंत्रित की गईं। आयकर विभाग को अधिनियम की समीक्षा के लिए हितधारकों से 6,500 सुझाव प्राप्त हुए हैं।

सूत्रों के अनुसार, प्रावधानों और अध्यायों में उल्लेखनीय कमी की जाएगी तथा अप्रचलित प्रावधानों को हटाया जाएगा। व्यक्तिगत आयकर, कॉरपोरेट कर, प्रतिभूति लेनदेन कर जैसे प्रत्यक्ष करों के अलावा उपहार और संपत्ति कर के अधिरोपण से संबंधित आयकर अधिनियम, 1961 में वर्तमान में लगभग 298 धाराएं और 23 अध्याय हैं। प्रयास यह है कि कर की मात्रा में लगभग 60 प्रतिशत की कटौती की जाए।

सीतारमण ने जुलाई, 2024 के अपने बजट भाषण में कहा था कि समीक्षा का उद्देश्य अधिनियम को संक्षिप्त, सुस्पष्ट, पढ़ने और समझने में आसान बनाना है। उन्होंने कहा था कि इससे विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी, जिससे करदाताओं को कर निश्चितता मिलेगी। इससे मुकदमेबाजी में उलझी मांग में भी कमी आएगी। इसे छह महीने में पूरा करने का प्रस्ताव है।

 

 


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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years